अब सरकारी विभागों में 2 लाख से अधिक के भुगतान पर ठेकेदारों और कंपनियों से 2 प्रतिशत जीएसटी-टीडीएस काटना अनिवार्य कर दिया गया है। अभी तक इस नियम का सख्ती से पालन नहीं हो पा रहा था, जिसके कारण ग्राम पंचायतों में 2 लाख से अधिक होने के बावजूद राज्य सरकार को जीएसटी-टीडीएस की राशि नहीं मिल पा रही थी, जिससे सरकार को राजस्व हानि हो रही थी।
वित्त विभाग ने इस मामले में सभी कलेक्टर-कमिश्नर, राजस्व मंडल, और विभागाध्यक्षों को पत्र जारी कर केंद्रीय माल सेवा कर अधिनियम 2017 के तहत सभी सरकारी विभागों और स्थानीय प्राधिकारियों को जीएसटी के तहत कटौतीकर्ता के रूप में पंजीकृत होने का निर्देश दिया है। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि प्राधिकारी ठेकेदारों, फर्म या कंपनियों से जीएसटी-टीडीएस काट सकें।
ग्राम पंचायत समेत अधिकांश सरकारी कार्यालयों में लाखों रुपये के निर्माण कार्य और खरीदारी हो रही है, लेकिन अधिकांश विभाग जीएसटी जमा नहीं कर रहे हैं। जीएसटी की चोरी से सरकार को लाखों रुपये के टैक्स का नुकसान हो रहा है। अब हर सरकारी विभागों में होने वाली खरीदी और निर्माण कार्यों पर 2 प्रतिशत जीएसटी अनिवार्य कर दिया गया है।