विवाहिता की जहर पीने से हुई मौत, पति को मिली 7 साल की कैद

प्रताडऩा से परेशान विवाहिता द्वारा आत्महत्या किए जाने के मामले में न्यायालय द्वारा आरोपी पति को 7 वर्ष के कारावास से दंडि़त किया गया है। इस मामले में विवाहिता के ससुर, सास व ननंद को भी पुलिस ने आरोपी बनाया था, लेकिन घटना दिन को इन आरोपियों के घर में मौजूद न होने के कारण न्यायालय ने उन्हें आरोप से मुक्त कर दिया है। यह फैसला न्यायाधीश रामजीवन की अदालत में सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से अति. लोक अभियोजक एन.पी. यदु ने पैरवी की थी।

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मामला उतई थाना क्षेत्र के ग्राम बेंदरी का है। ग्राम के प्रभात निषाद (22 वर्ष) का विवाह का 7 मई 2017 को सुलोचना उर्फ सीमा के साथ हुआ था। 15 जनवरी 2018 को सीमा की संदिग्ध परिस्थियों में मौत हो गई थी। विवाहिता के परिजनों ने ससुराल पक्ष द्वारा उसे दहेज के लिए प्रताडि़त किए जाने की जानकारी पुलिस को विवेचना के दौरान थी। शव परीक्षण रिपोर्ट में मृत्यु का कारण जहर सेवन से मौत होना सामने आया था। इस मामले में पुलिस ने आरोपी पति प्रभात के साथ उसके पिता दिलीप, मां चंद्रिका तथा बहन दुर्गेश्वरी के खिलाफ दफा 304 (बी) के तहत अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण को विचारण केलिए न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था।
प्रकरण पर विचारण न्यायाधीश रामजीवन देवांगन की अदालत में किया गया। विचारण पश्चात न्यायाधीश ने आरोप पति को विवाहिता को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का दोषी पाया। वहीं अन्य आरोपियों के घटना दिन को घर में मौजद नहीं के चलते संदेह का लाभ देते हुए आरोपों से मुक्त कर दिया गया। मामले के अभियुक्त प्रभात निषाद को दफा 306 के तहत 7 वर्ष के कारावास तथा 2000 रु. के अर्थदंड से दंडि़त किया गया है। अर्थदंड़ की राशि अदा नहीं किए जाने पर अभियुक्त को 6 माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा।