एनडीए के पास वर्तमान में 292 सीटें हैं, जबकि विपक्षी दलों के आईएनडीआई गठबंधन के पास 234 सीटें हैं। केंद्र में सरकार बनाने के लिए 272 सांसदों की आवश्यकता होती है। एनडीए के पास बहुमत है, लेकिन आईएनडीआई गठबंधन को सरकार बनाने के लिए 39 और सांसदों की जरूरत है। सवाल उठता है कि अगर जदयू या टीडीपी ने एनडीए का साथ छोड़ दिया तो क्या होगा?
चुनाव परिणाम के अनुसार, एनडीए के पास कुल 292 सांसद हैं। इनमें से 12 सांसद JDU के हैं, जो नीतीश कुमार की पार्टी है। अगर JDU एनडीए का साथ छोड़कर आईएनडीआई गठबंधन का समर्थन करती है, तो भी एनडीए के पास 280 सांसद रहेंगे, जो बहुमत से आठ अधिक हैं। यानी नीतीश कुमार के एनडीए से अलग होने के बावजूद भी मोदी तीसरी बार केंद्र में सरकार बना सकते हैं।
वर्तमान में, एनडीए के पास 292 सांसद हैं, जिनमें 16 सांसद (TDP) के हैं। अगर TDP भी आईएनडीआईए के साथ जाती है, तो भी एनडीए के पास 276 सांसद रहेंगे, जो बहुमत से चार अधिक हैं। यानी नायडू के आईएनडीआई गठबंधन में शामिल होने पर भी एनडीए की सरकार केंद्र में बनी रह सकती है।