बड़ी दूर से आए हैं साथ में भीख का कटोरा लाए हैं…जिनपिंग के दरबार में शहबाज की हाजिरी

मेड इन चाइना वाली पाकिस्तानी सरकार चीनी सामानों की तरह ही खोखली निकली। ना तो जनता से किए वादों को पूरा करने में सफल हो पाई और ना ही उसका समाधान ढूंढ पाने में सफल हो पाई। छल, बल और चीन की मदद से सत्ता हासिल करने वाले जरदारी और शाहबाज की जोड़ी का पूरा फोकस सत्ता की मलाई खाने पर है। जिसके लिए ढोल पीट पीटकर जरदारी चीन की शान में कसीदें पढ़ रहे हैं। शाहबाज भीख का कटोरा लेकर जिनपिंग के दरबार में एक बार फिर हाजिरी लगाने जा रहे हैं।
पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी जिन्हें अपने ही मुल्क में मिस्टर 10% के नाम से जाना जाता है। वो पाक के बदले चीन का राग अलाप रहे हैं। चीन के हितों को सबसे ऊपर बता रहे हैं। उनकी चापलूसी का सिलसिला यहां तक पहुंच गया कि जब पत्रकारों ने ताइवान पर पाकिस्तान की राय पूछी तब जरदारी ने तपाक से चीन की हिमायत कर डाली। पाकिस्तान में पीएम कोई भी हो, सत्ता किसी की भी हो पता चीन के इशारे पर ही डोलता है। इतिहास पर नजर डाले तो जरदारी से लेकर नवाज शरीफ तक पहले भी चीन की शान में कसीदे पढ़ते नजर आते रहे हैं।
पाकिस्तान में शाहबाज शरीफ की सरकार जरदारी की पार्टी के समर्थन से ही चल रही है। आज सत्ता में भागीदार जरदारी और शाहबाज एक दूसरे को फूटी आंख भी नहीं सुहाते थे, बताया जाता है कि चीन के दबाव में ही दोनों दल साथ आये और दोनों चीन के इशारे पर नाचने को मजबूर है। अब एक बार फिर शाहबाज जिनपिंग के दरबार में हाजिरी लगाने के लिए पहुंचने वाले हैं। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक शाहबाज एक बार फिर चीन का दौरा जून में करेंगे। पाकिस्तानी मीडिया के माने तो शाहबाज शरीफ 4 से 7 जून की चीन यात्रा पर जा सकते हैं।

You cannot copy content of this page