नीरज चोपड़ा फिनलैंड में पावो नूरमी गेम्स 2024 में लेंगे हिस्सा, मैक्स डेह्निंग से मिल सकती है कड़ी चुनौती

भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा 18 जन को फिनलैंड के तुर्कू में आयोजित होने वाले पावो नूरमी गेम्स 2024 में हिस्सा लेंगे। हर साल गर्मियों में आयोजित किए जाने वाले पावो नूरमी गेम्स फिनलैंड की टॉप ट्रैक एंड फील्ड प्रतियोगिता है। इस प्रतियोगिता को पहली बार 1957 में आयोजित किया गया था। कॉन्टिनेंटल टूर गोल्ड नाम की एक प्रतियोगिता एक टॉप स्तरीय वर्ल्ड एथलेटिक्स प्रतियोगिता है। 

वहीं इन खेलों में नीरज को जर्मनी के 19 वर्षीय मैक्स डेह्निंग से कड़ी चुनौती मिल सकती है।
यह जानकारी पावो नूरमी खेलों के आयोजकों ने दी। दरअसल, डेह्निंग हाल ही में 90 मीटर की बाधा पार करने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने हैं।
छब्बीस साल के चोपड़ा 10 मई को दोहा डायमंड लीग मीट से अपने सत्र की शुरुआत करेंगे। उन्होंने पावो नूरमी खेलों के 2022 सत्र में 89.30 मीटर के थ्रो के साथ रजत पदक जीता था। यह उनके करियर का दूसरा सर्वश्रेष्ठ थ्रो है।  उन्होंने 2023 में चोटिल होने के कारण इस स्पर्धा से अपना नाम वापस ले लिया था।

नीरज चोपड़ा का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ 89.94 मीटर है।
पावो नूरमी खेलों का नाम फिनलैंड के मध्य और लंबी दूरी के धावक के नाम पर रखा गया है। यह विश्व एथलेटिक्स की ‘कॉन्टिनेंटल टूर गोल्ड सीरीज’ स्तर की प्रतियोगिता है। यह डायमंड लीग मीट सीरीज के बाहर सबसे प्रतिष्ठित एक दिवसीय प्रतियोगिताओं में से एक है।
टूर्नामेंट के आधिकारिक वेबसाइट पर खिलाड़ियों से करार के लिए जिम्मेदार आर्टटू सलोनेन ने कहा, ‘‘ भाला फेंक ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा जून में तुर्कू लौटेंगे।

वहीं नीरज एक साल के ब्रेक के बाद पावो नूरमी खेलों में प्रतिस्पर्धा करेंगे जहां उनका सामना बेहतरीन प्रतियोगियों के समूह से होगा। प्रतियोगिता 18 जून को तुर्कू में होगी।’’
उन्होंने बताया कि चोपड़ा के अलावा, हमारा पहले से ही जर्मनी के दिग्गज जूलियन वेबर और मैक्स डेह्निंग के साथ अनुबंध है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा लक्ष्य पेरिस ओलंपिक से पहले तुर्कू में गर्मियों की सबसे कठिन भाला फेंक प्रतियोगिता को आयोजित करना है। इसके लिए दूसरे खिलाड़ियों के साथ बातचीत जारी है।  हम चाहते हैं कि शीर्ष घरेलू नाम तुर्कू में प्रतिस्पर्धा करें जिसका नेतृत्व ओलिवर हेलैंडर (जिन्होंने 2022 सत्र में 89.83 मीटर की दूरी के साथ स्वर्ण पदक जीता था) करेंगे।’’

इस साल फरवरी में डेह्निंग 90.20 मीटर (अपने पिछले सर्वश्रेष्ठ 79.13 से 11.07 मीटर से अधिक) की दूरी के साथ ‘जर्मन विंटर थ्रोइंग चैंपियनशिप’ में प्रतिष्ठित 90 मीटर की बाधा को पार करने वाले सबसे कम उम्र खिलाड़ी बने हैं।
वह हालांकि 10 मार्च को पुर्तगाल के लीरिया में यूरोपियन थ्रोइंग कप में 80.30 मीटर का थ्रो कर सके।
पावो नूरमी खेलों की वेबसाइट ने चोपड़ा के कोच क्लॉस बार्टोनिट्ज के हवाले से कहा कि भारतीय खिलाड़ी ने ‘एक साल पहले तुर्की में बेलेक शिविर में प्रशिक्षण में 90.40 दूर भाला फेंका था’।

उन्होंने कहा, ‘‘स्टॉकहोम में रिकॉर्ड थ्रो (89.94 मीटर, चोपड़ा का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन) में 90 मीटर की दूरी की बाधा को पार किया जा सकता था।  तब चोपड़ा ने लाइन के 20-30 सेंटीमीटर पीछे से भाला फेंका था। इस आधार पर यह 90 मीटर का थ्रो था।