शादी कार्यक्रम में की गई विडियों ग्राफी व फोटोशूट का पूरा एलबम नहीं दिए जाने के मामले में उपभोक्ता फोरम द्वारा फोटो स्टूडियों संचालक के खिलाफ आदेश पारित किया गया है। फोरम ने एलबम न देने के लिए स्टूडियों संचालक को हर्जाना सहित कुल 16 हजार रु. का भुगतान करने का आदेश दिया है।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मामला केलाबाड़ी स्थित अलका डिजिटल विडियों शूटिंग व फोटोग्राफी सेंटर से संबंधित है। गयानगर निवासी ललति शर्मा मे अपनी पुत्री के शादी समारोह की विडियोंग्राफी व फोटो शूटिंग कराए जाने के लिए स्टूडियों संचालक गोपाल निर्मलकर से संपर्क किया था। विडियोंग्राफी व फोट शूट कर उसका एलबम बना कर देने की राशि 22 हजार रु. निर्धारित की गई थी। जिसके लिए 2 हजार एडवांस नगद और 15 हजार रु. का भुगतान चेक के माध्यम से किया गया था। शादी समारोह की वीडियोंग्राफी व एवं फोटो शूट के बाद 2 दिसंबर 2016 को सगाई का एलबम एवं दो नग फोटो फ्रेमिंग कर ललति शर्मा को दिए गए। 400 रंगीन फोटो का एलबम शीघ्र देने का आश्वासन देकर बकाया रासि 5 हजार रु. ले ली गई, लेकिन एलबंम नहीं दिया गया। लगातार टालमटोल से परेशान ललित ने प्रकरण को जिसा उपभोक्ता फोरम के समक्ष प्रस्तुत किया था।
इस प्रकरण में जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा नोटिस दिए जाने के बाद भी गोपाल निर्मलकर ने अपना पक्ष फोरम के समक्ष नहीं रखा। जिसपर फोरम ने एक पक्षीय फैसला पारित करते हुए अलका डिजिटल विडियों शूटिंग व फोटोग्राफी सेंटर के संचालक गोपाल निर्मलकर के इस कृत्य को सेवा में कमी तथा व्यवसायिक दुराचरण का माना। फोरम ने एक माह की अवधि में एलबम न दिए जाने के ऐवज में 10 हजार रु. के साथ इससे हुई मानसिक पीड़ा की क्षतिपूर्ति के लिए 5 हजार रु. व वाद व्यय की राशि 1 हजार रु. का भुगतान करने का आदेश दिया है।