दुर्ग (छत्तीसगढ़)। पुजारी द्वारा यजमान परिवार के सदस्यों पर जानलेवा हमला किए जाने के मामले में अदालत ने फैसला सुनाया है। पुजारी यजमान द्वारा उसकी पूजा विधि पर सवाल उठाए जाने से आक्रोशित हो गया था और धारदार हथियार से हमला कर दिया था। इस हमले में परिवार के 4 सदस्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे। आरोपी को प्रत्येक सदस्य पर जानलेवा हमला करने का दोषी करार देते हुए कुल 40 वर्ष के कारावास और 4 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश शैलेष कुमार तिवारी की अदालत में आज सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक अरशद खान ने पैरवी की थी।
वारदात पुरानी भिलाई थाना अंतर्गत ग्राम दादर-चरोदा में 25 जनवरी 2022 को घटित हुई थी। पीड़ित निर्मला साहू का पति विष्णु प्रसाद साहू, बेटा जितेश साहू अक्सर बीमार चल रहे थे। जिसको लेकर निर्मला परेशान थी। इसी दौरान निर्मला की किराना दुकान पर उसका परिचित पुजारी दीनू प्रसाद शर्मा आया था, पुजारी ने प्रदोष काल के कारण बेटे का दिमाग भटक जाने का हवाला देते हुए शिवजी की पूजा कराने की सलाह दी थी। जिस पर निर्मला घर में पूजा कराने के लिए सहमत हो गई।
25 जनवरी 2022 की दोपहर 12.55 बजे पूजा का शुभ मुहूर्त बताते हुए पुजारी ने पूजा प्रारंभ की, जिसके एक घंटे बाद वह चला गया। इस दौरान पुजारी ने पूजा के संबंध में किसी को भी जानकारी नहीं देने की हिदायत भी साहू परिवार को दी थी। जिसके बाद तीन बजे के लगभग पुजारी फिर से आया और पूजा प्रारंभ की, जिस पर निर्मला के पति विष्णु प्रसाद ने पुजारी के पूजा कराने के तरीके पर सुप्रीम सवाल उठाते हुए पूजा करना नहीं आने की बात कह दी। जिससे पूजारी दीनू प्रसाद शर्मा आक्रोशित हो गया और अपने कपड़े के थैला से चापड निकाल कर विष्णु पर हमला कर दिया। जिससे विष्णु के सिर पर गहरा जख्म हो गया।
इस दौरान परिवार के सदस्यों द्वारा बचाव का प्रयास किए जाने पर दीनू प्रसाद ने उन पर भी चापड से हमला कर दिया। घायल पति-पत्नी विष्णु प्रसाद, निर्मला और उनकी बेटी सुमन तथा बेटे जयेश साहू के चीख़-पुकार करने पर आस-पड़ोस के लोगों द्वारा पुजारी दीनू प्रसाद शर्मा को मौका से भागते हुए पकड़ा गया। इस मामले की शिकायत निर्मला साहू द्वारा पुलिस में की गई।
पुलिस ने शिकायत और घायलों के कथन के आधार पर आरोपी दीनू प्रसाद शर्मा को गिरफ्तार कर उसकी निशानदेही पर दो लोहे के चापड बरामद किए। जानलेवा करने का अपराध पंजीबद्ध कर आरोपी को जेल भेज दिया गया। वहीं विवेचना पश्चात प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया था।प्रकरण पर विचारण पश्चात न्यायाधीश ने प्रत्येक व्यक्ति को घायल करने के चार अलग-अलग मामलों में अभियुक्त दीनू प्रसाद शर्मा को दोषी करार दिया। अभियुक्त को सभी चार मामलों में दफा 307 के तहत 10-10 वर्ष के कारावास से दंडित किया गया। मामले में गिरफ्तारी के बाद से फैसला सुनाए जाने तक अभियुक्त जेल में ही निरूद्ध है। अभियुक्त की सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।