अय्याश मौलाना को कुल 6 साल का कारावास, अपनी 9 साल की स्टूडेंट के साथ करता था अश्लील हरकत, महज सात माह में आया फैसला

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। गुरु की गरिमा को दागदार करने के आरोपी मौलाना के खिलाफ अदालत द्वारा फैसला सुनाया गया है। मौलाना पर अपनी 9 साल की स्टूडेंट के साथ अश्लील हरकत करने का आरोप है। स्पेशल कोर्ट ने अभियुक्त को पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी करार दिया है। लगभग सात माह पुराने इस मामले में अदालत ने अय्याश मौलाना को कुल 6 वर्ष के कारावास व 600 रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) संगीता नवीन तिवारी की अदालत में बुधवार को सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक संतोष कसार ने पैरवी की थी।

मामला सुपेला थाना क्षेत्र का है। आरोपी मौलाना मो. मेहराज (23 वर्ष) एक 9 वर्ष की बच्ची को उसके घर अरबी भाषा पढ़ाने आता था। आरोप है कि पढाई कराने के दौरान मौलान की नियत अपनी स्टूडेंट के प्रति बदल गई। वह अपने प्यार का इजहार करते हुए प्रायः स्टूडेंट के साथ बुरी नियत से अश्लील छेडछाड़ करने लगा था, जिससे बच्ची स्वंय को असहज महसूस करने लगी थी। विरोध करने पर भी मौलाना अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा था। परेशान बच्ची द्वारा 18 फरवरी 2023 की दोपहर मौलाना के वापस जाने पर उसके द्वारा की जा रही हरकतों की जानकारी अपनी अम्मी को दी गई। जिसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा।

पुलिस ने बच्ची के कथन, चिकित्सकीय परीक्षण और परिजनों की शिकायत के आधार पर आरोपी मौलाना मो. मेहराज (23 वर्ष) के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर लिया। आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और विवेचना पश्चात प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया।

प्रकरण पर विचारण फास्ट ट्रैक कोर्ट में किया गया और महज 7 माह में फैसला सामने आ गया। विचारण के दौरान मौलाना ने अदालत बताया था कि बच्ची के वालिद द्वारा उसकी ट्यूशन फीस 3-4 माह से नहीं दी गई थी। जिसको लेकर उनमें विवाद हुआ था और उसके खिलाफ झूठी शिकायत की गई। वहीं यह भी बताया कि शब्दों के बेहतर उच्चारण के लिए बच्ची को हलक से आवाज निकालने की समझाइश देने वह उसके सीने पर हाथ रखता था, उसका इरादा गलत नहीं था, लेकिन साक्ष्य के आभाव में अदालत ने उसकी बचाव में दी गई दलील को अमान्य कर दिया गया।

विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) ने इस मामले में अभियुक्त मौलाना को दोषी करार दिया। अभियुक्त मो. मेहराज (23 वर्ष) को पॉक्सो एक्ट की धारा 10 के तहत पांच वर्ष तथा धारा 12 के तहत एक वर्ष के कारावास से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया गया। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।