परिपक्वता तिथि के बाद भी भुगतान नहीं किए जाने के मामले में जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के खिलाफ आदेश पारित किया गया है। फोरम ने कंपनी को एक माह की अवधि में परिपक्वता राशि को ब्याज के साथ अदा करने का आदेश दिया है। साथ ही इससे निवेशक को हुई मानसिक क्षतिपूर्ति के लिए 20 हजार रु. का हर्जाना अदा करने का निर्देश दिया है। उपभोक्ता फोरम ने यह फैसला वाद स्वीकृत किए जाने के पश्चात महज 5 माह में सुनाया है।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मामला भिलाई के आकाशगंगा स्थित सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के कार्यालय से संबंधित है। सोसायटी के एजेंट आबिद हुसैन के मार्फत भिलाई कैंप 1 निवासी वंदना जायसवाल ने सहारा सी अनोखा योजना में निवेश किया गया था। योजना के तहत प्रतिमाह 6 हजार रु. 11 अक्टूबर 2014 से 21 अगस्त 2018 तक जमा किए गए थे। इस प्रकार जमा रकम 2 लाख 64 हजार रु. पर कंपनी की ओर से 66 हजार रु. ब्याज दिया जाना था। योजना की परिपक्वता अवधि बीत जाने के बाद वंदना द्वारा आवश्यक दस्तावेंजो के साथ भुगतान के लिए आवेदन किया गया था। जिस पर शाखा कार्यालय से 15 दिन पश्चात भुगतान किए जाने का आश्वासन दिया गया। कुछ दिनों बाद हेडऑफिस से चेक नहीं आने का हवाला देकर भुगतान करने में आनाकानी की जाने लगी। लंबी अवधि बीत जाने के बाद भी भुगतान प्राप्त नहीं होने पर अधिवक्ता के माध्यम से 3 अप्रैल 2019 को रजिटर्ड नोटिस भिजवाया गया। जिसके बावजूद भुगतान नहीं मिलने पर मामले को उपभोक्ता फोरम के समक्ष पेश किया गया था।
प्रकरण पर विचारण पश्चात जिला उपभोक्ता फोरम ने सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी द्वारा अपनाई गई इस कार्यप्रणाली को सेवा में कमी तथा व्यवसायिक दुराचरण की श्रेणी में माना। फोरम ने सोसायटी को एक माह की अवधि में परिपवक्ता राशि 3 लाख 30 हजार रु. भुगतान करने तथा इस पर 7.5 प्रतिशत ब्याज भी प्रदान करने का आदेश दिया है। इसके अलावा इससे निवेशक को हुई मानसिक क्षतिपूर्ति के लिए 20 हजार रु. व वाद व्यय की राशि 1 हजार रु. का भुगतान करने का निर्देश दिया गया है।