राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित 1 दिसंबर से राज्य के किसानों से धान खरीदी का कार्य प्रारंभ हो गया है। सहकारी समितियों के माध्यम से की जा रही खरीदी की व्यवस्था का मौका मुआयना मुख्य मंत्री भूपेश बघेल तथा कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने किया। अविभाजित दुर्ग जिले की कुल 182 सहकारी समितियों के 281 खरीदी केंद्र में से 251 खरीदी केंद्रों में धान की खरीददारी प्रारंभ हो गई है। शेष 30 खरीदी केंद्रों में जल्द ही खरीदी प्रारंभ होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। धान खरीदी के पहले दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पाटन ब्लॉक के धान खरीदी केंद्र तर्रा, फुंडा, औंधी और जामगांव (एम) का निरीक्षण किया। जामगांव (एम) में स्थित केंद्र में धान बेचने आए किसान तोखन लाल वर्मा का 3 कट्टा धान सीएम ने स्वयं तोला। इस दौरान उन्होंने धान की गुणवत्ता भी परखी। मुख्यमंत्री ने किसानों को चर्चा में बताया कि अभी 1815 और 1835 रु. क्विंटल में धान की खरीदी की जा रही है। शेष राशि का भुगतान बजट में योजना का प्रावधान कर किया जाएगा। उन्होंने इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेवार ठहराते हुए कहा कि राज्य सरकार अभी धान खरीदी के साथ में 2500 रुपये का भुगतान करती, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा बोनस देने की स्थिति में चावल नहीं लेने के निर्णय की वजह से फिलहाल 1815 और 1835 रु. का भुगतान किया जा रहा है। उन्होंने कहा हम किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने किसानों से गौठान के लिए पैरा दान करने की अपील भी की।
चौबे ने किया खरीदी उपकेंद्र का शुभारंभ
कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने रविवार से प्रारंभ की गई धान खरीदी की व्यवस्था का धमधा ब्लाक में जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने सहकारी समिति टेमरी के नए धान खरीदी उपकेंद्र बिरेझर का उद्घाटन भी किया।