शुद्धता खरी करने देश में 15 जनवरी से सोने की हॉलमार्किंग अनिवार्य, केंद्रीय उपभोक्ता मंत्री ने की घोषणा

देश में 15 जनवरी से सोने की हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी गई है। यह घोषणा केद्रीय उपभोक्ता कार्य मंत्री रामविलास पासवान ने करते हुए कहा कि हॉलमार्किंग से गांवों और छोटे शहरों में उन गरीबों को लाभ होगा जो सोना खरीदते समय उसकी शुद्धता का पता नहीं लगा पाते हैं। इसके क्रियांवयन के लिए 1 वर्ष का समय दिया जाएगा, ताकि निजी उद्यमियों द्वारा सोने के आभूषणों और कलाकृतियों के लिए हॉलमार्किंग सेंटर स्थापित किए जा सके। साथ ही जौहरियों की पंजीयन प्रक्रिया पूरी करने और आभूषणों के खुदरा व्यापारियों को अपना मौजूदा स्टाक क्लीयर करने के लिए एक साल का समय दिया गया है।

नई दिल्ली। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) अधिनियम 2016 में केंद्र सरकार द्वारा स्वर्ण आभूषण और कलाकृतियों की हॉलमार्किंग अनिवार्य करने के लिए धारा 14 और धारा 16 के तहत प्रावधानों को सक्षम किया गया है। इससे सोने के आभूषणों और कलाकृतियों की बिक्री करने वाले सभी जौहरियों के लिए बीआईएस के साथ पंजीकृत होना और केवल हॉलमार्क वाले आभूषणों और कलाकृतियों को बेचना अनिवार्य हो जाएगा।
बता दें कि बीआईएस अधिनियम 2016 को 12 अक्टूबर 2017 से तत्काल प्रभाव से लागू किया गया। बीआईएस हॉलमार्किंग विनियम 2018 को अधिसूचित किए गए और 14 अगस्त 2018 से प्रभावी किए गए। बीआईएस अप्रैल 2000 से सोने के गहनों के लिए एक हॉलमार्किंग योजना चला रहा है। 31 अक्टूबर 2019 तक देश भर के 234 जिलों में 877 परख और हॉलमार्किंग केंद्र हैं। अब तक 26,019 जौहरियों ने बीआईएस पंजीकरण कराया है।

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