दुर्ग (छत्तीसगढ़)। नाबालिग किशोरी को प्रेमजाल में फंसाकर साथ भगा कर ले जाने और पत्नी बनाकर रखने के आरोपी के खिलाफ स्पेशल कोर्ट में फैसला सुनाया गया है। कोर्ट ने अभियुक्त को विभिन्न धाराओं के तहत दोषी करार देते हुए कुल 26 वर्ष के कारावास तथा 5200 रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया है। पुलिस आरोपी को किशोरी के साथ बनारस (उत्तर प्रदेश) से गिरफ्तार किया था। यह फैसला आज विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) संगीता नवीन तिवारी की अदालत में सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक संतोष कसार ने पैरवी की थी।
मामला लगभग साल भर पुराना है। स्मृति नगर चौकी अंतर्गत निवासी 16 वर्षीय किशोरी 18 मई 2022 की दोपहर घर से लापता हो गई थी। किशोरी के संबंध में किसी प्रकार की जानकारी नहीं मिलने पर परिजनों द्वारा पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई गई थी। पुलिस ने गुमशुदगी के तहत प्रकरण दर्ज कर पड़ताल प्रारंभ की थी और किशोरी को युवक अजय उर्फ टिकेश्वर उर्फ पूरन पांडेय (21 वर्ष) के कब्जे से बरामद किया था।
पूछताछ में किशोरी ने बताया कि अजय से उसका परिचय सहेली के माध्यम से हुआ था। जिसके बाद दोनों एक-दूसरे से प्रेम करने लगे थे। 18 मई की दोपहर वह युवक के कहने पर शादी करने के उद्देश्य से घर से निकल गई। युवक के दिन भर घूमने और दो पिक्चर देखने के बाद रात की ट्रेन से बनारस रवाना हो गए थे। जहां 19 मई को अजय ने उसके साथ मंदिर में शादी की और बनारस में किराए का मकान लेकर साथ रहने गए। इस दौरान युवक ने 21 से 27 मई के दरम्यान कई बार शारीरिक संबंध भी बनाए थे।
पुलिस ने आरोपी युवक अजय उर्फ टिकेश्वर उर्फ पूरन पांडेय (21 वर्ष) के खिलाफ नाबालिग का अपहरण करने, कपट पूर्वक उससे शादी करने और शारीरिक संबंध बनाए जाने का अपराध पंजीबद्ध किया था और आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया था।
प्रकरण पर विचारण पास्को स्पेशल कोर्ट में किया गया। विचारण पश्चात अभियुक्त अजय उर्फ टिकेश्वर उर्फ पूरन पांडेय (21 वर्ष) को दोषी करार देते हुए कारावास से दंडित किया गया है। अभियुक्त को दफा 366 व 496 के तहत 3-3 वर्ष तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत 20 वर्ष के कारावास से दंडित किया गया। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।