शादी के लिए परेशान कर रही प्रेमिका की पिटाई, मौत, मिली 10 साल की कैद

शादी के लिए परेशान किए जाने से नाराज प्रेमी ने प्रेमिका की पिटाई कर दी। पिटाई से प्रेमिका की मौत होने के मामले को न्यायालय ने गैर इरादतन हत्या का मामला मानते हुए हुए आरोपी को 10 वर्ष के कारावास से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया है। इस मामले में आरोपी तथा मृतका के मोबाइल लोकेशन एक साथ होने के आधार पर न्यायालय ने दोषी करार दिया है। प्रकरण पर डॉ. ममता शुक्ला की अदालत में विचारण किया गया था। अभियोजन पक्ष की ओर से अति. लोक अभियोजक महेन्द्र सिंह राजपूत ने पैरवी की थी।

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। बोरी पुलिस को 24 फरवरी 2018 को ग्रामीणों से ग्राम सेवती स्थित बुधारू सतनामी के खेत से एक युवती का शव बरामद किया था। युवती की पहचान न होने के कारण शव को जिला अस्पताल की मरच्युरी में रखा गया था। शव बरामदगी के दो दिन बाद युवती की पहचान ग्राम डुडिया (घुमका) निवासी हेमा साहू (22 वर्ष) के रुप में हुई थी। मामले की पड़ताल में पुलिस को जानकारी मिली की युवती को कुछ दिनों पूर्व दुर्ग के शक्ति नगर निवासी अमर देवांगन (24 वर्ष)के साथ देखा गया था। जिसके आधार पर अमर से पुलिस ने पूछताछ की थी। पूछताछ में अमर ने पुलिस को बताया कि हेमा का शक्ति नगर में उसके चाचा के घर आना जाना था। इसी दौरान उसका हेमा से परिचय हुआ था। हेमा का प्रेम संबंध ग्राम मोहंदी निवासी किशोर से होने की जानकारी मिलने पर, इस बात की जानकारी चाचा को देने की धमकी देकर उसने हेमा से करीबी बढ़ा ली थी। घटना से पहले लगभग एक वर्ष से उसकी हेमा से प्रेम संबंध चल रहा था। इस दौरान इस दौरान उनके बीच शारीरिक संबंध में बने थे। जिसके बाद युवती अमर पर शादी के लिए दबाव बनाने लगी थी, वहीं किशोर के साथ प्रेम संबंध को लेकर प्राय: दोनों के बीच विवाद होता रहता था। 22 फरवरी 2018 को भी दोनों के बीच विवाद हुआ था। जिस पर सूने स्थान में बात करने के लिए वह हेमा को नगपुरा से लेकर सेवती पहुंचा था। इस दौरान हुए विवाद में गुस्से में आकर उसने हेमा की हाथ मुक्कें से पिटाई कर दी थी। पिटाई से हेमा बैहोश हो गई। जिसे मृत समझ कर अमर ने उसके शरीर को खेत की मेंड़ के पास ले जाकर कुकरमुत्ता की टहनियों से छुपा दिया था। इस मामले में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दफा 302, 201 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण को विचारण के लिए न्यायालय के समक्ष पेश किया था।
हत्या की बजाए गैर इरादतन हत्या का दोषी माना गया
प्रकरण पर विचारण न्यायाधीश डॉ. ममता शुक्ला की अदालत में किया गया। विचारण के दौरान चिकित्सक ने हेमा की मोत का कारण सिर पर चोट व दहशत से होने की जानकारी न्यायालय को दी थी। वहीं चिकित्सक ने न्यायालय को यह भी बताया कि हाथ मुक्के की मार से युवती की मौत नहीं हुई है। वहीं घटना दिन व समय पर मृतका व अभियुक्त के मोबाइल लोकेशन भी एक साथ ही मिले। इस आधार पर अदालत ने अभियुक्त को हत्या की धारा 302 के तहत दोषी नहीं माना। वहीं उसे गैर इरादतरन हत्या की धारा 304 (2) के तहत दोषी करार दिया गया। अभियुक्त को दफा 304 (2) के तहत 7 वर्ष व 5 हजार रु. अर्थदंड तथा साक्ष्य छुपाने की धारा 201 के तहत 3 वर्ष कारावास व 2 हजार रु. अर्थदंड से दंडि़त किे जाने का फैसला सुनाया है। दोनों सजाए एक साथ चलेगीं।