मुख्यमंत्री निवास पर पधारे शंकराचार्य, आगमन पर बघेल ने किया सपरिवार पादुका पूजन

रायपुर (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ में तीन शंकराचार्य प्रवास पर आए हुए हैं। एक तरफ गोवर्धन मठ पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती रायपुर के अपने बोरियाकला स्थित आश्रम में पहुंचे हुए हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज सोमवार को अपने निवास में पधारे शारदापीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज और ज्योतिषपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज का आत्मीय स्वागत किया। सीएम ने दोनों शंकराचार्य का सपरिवार विधि विधान से पादुका पूजन कर आशीर्वाद लिया। प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की।

इस दौरान कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, संसदीय सचिव पारसनाथ राजवाड़े, चन्द्रदेव राय, विधायक खेलसाय सिंह, रामपुकार सिंह, विनय जायसवाल, गुलाब कमरो, विनय भगत, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा और विनोद वर्मा उपस्थित रहे।

द्वारिका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती और ज्योतिषपीठाधीश्वर बद्रीनाथ के जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज आज सोमवार को प्रदेश के पूर्व धर्मस्व मंत्री और विधायक बृजमोहन अग्रवाल के निवास पर पहुंचे। इस दौरान अग्रवाल परिवार ने शंकराचार्यों का अभिनंदन किया। उनका चरण पूजन कर आशीर्वाद लिया। विधि-विधान से पूजा अर्चना कर अपने परिवार और प्रदेश की सुख, शांति और समृद्धि की कामना की।

कोई भी शंकराचार्य बन कर आ जाए, उसे शंकराचार्य नहीं मान लेंगे : स्वामी निश्चलानंद सरस्वती
वहीं पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने राम मंदिर निर्माण को लेकर कहा कि अभी पीएम मोदी और सीएम योगी श्रेय ले रहे हैं। यदि नरसिंह राव के कार्यकाल में ‘मैं हस्ताक्षर कर देता तो उसी समय मंदिर और मस्जिद बन जाता’। शंकराचार्य ने रायपुर में 16 जून को होने वाले धर्मसभा में तीन मठों के मठाधीशों के आने पर कहा कि उन्हें मान्यता आप देंगे? कोई भी शंकराचार्य बनकर आ जाएगा तो उसे शंकराचार्य थोड़ी ही मान लेंगे। पूर्व में शंकराचार्य ने अपने जीवन काल में किसी को जीवित समय में शंकराचार्य घोषित नहीं किया, पुराने तो मेरे परिचित थे। नए मेरे परिचित नहीं हैं।