वेतन न मिलने से नाराज श्रमिकों ने घेरा क्रेस्ट स्टील कारखाना, प्रबंधन के आश्वासन बाद हुए शांत

औद्योगिक क्षेत्र रसमड़ा स्थित एक और कारखाना प्रबंधन पर श्रमिकों का शोषण किए जाने का आरोप लग रहे है। प्रबंधन पर श्रमिकों को फिछले तीन माह से वेतन का भुगतान नहीं किए जाने का आरोप श्रमिकों ने लगाया है। इस मुद्दे को लेकर श्रमिकों द्वारा गुरुवार को कारखाना का घेराव किया गया और मामले की शिकायत पुलिस में की है। प्रबंधन द्वारा इस माह के अंत तक लंबित वेतन का भुगतान किए जाने का वादा किए जाने के बाद मामला शांत हुआ। आनंद राजपूत की फोर्थ नेशन (4TH NATION) के लिए एक्सक्लूजिव रपट…

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मामला औद्योगिक क्षेत्र रसमड़ा स्थित क्रेस्ट स्टील से जुड़ा हुआ है। कारखाना में पिछले सितंबर माह में हुई एक दुर्घटना के कारण कार्बाईन जल गया था। जिसके बाद से कारखाना में उत्पादन का काम बंद हो गया था। उत्पादन बंद होने के बाद कारखाना प्रबंधन यहां काम कर रहे श्रमिकों का भुगतान भी रोक दिया था। इसी दौरान प्रबंधन द्वारा 13 नवंबर की रात गेट पर ले-आफ नोटिस टांग दिया गया है। जिसके अनुसार श्रमिकों को आधा भुगतान किया जाएगा। इसकी जानकारी मिलने पर श्रमिक उग्र हो गए और आज गुरुवार को कारखाने का घेराव कर दिया। श्रमिकों ने ले-ऑफ यानि कि प्रबंधन द्वारा आधी मजदूरी दिए जाने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। जिसके बाद प्रबंधन ने श्रमिकों से चर्चा कर नवंबर माह के अंत तक बकाया भुगतान करने का वादा किया। प्रबंधन के इस आश्वासन के बाद मामला शांत हो गया। श्रमिकों ने प्रबंद्र द्वारा भुगतान नहीं किए जाने की शिकायत सोमनी पुलिस थाना में भी की है।
श्रमिकों ने लगाए यह आरोप
क्रेस्ट स्टील में कार्यरत श्रमिकों ने आरोप लगाया है कि उन्हें वर्ष 2018-19 का बोनस अब तक नहीं मिला है। दीपावली के समय भी प्रबंधन द्वारा भुगतान नहीं किया गया था। इसके अलावा पिछले दो वर्षों से उनके वेतन में बढ़ोतरी नहीं की गई है।
प्रबंधन ने दिया आश्वासन
प्रदर्शनकारी श्रमिकों को प्रबंधन ने इस माह के अंत तक लंबित सभी भुगतान किए जाने का आश्वासन दिया है। प्रबंधन के अनुसार श्रमिकों के सभी लंबित भुगतान इनसाल्वेंसी एंड बैंक करप्सी कोड 2016 के प्रावधानों के अनुसार किया जाएगा। सितंबर माह की पगार दस से बारह दिनों में देने की कोशिश की जाएगी। साथ ही शेष बकाया के संबंध में सीओसी में विसर्ण के बाद इस महीने के अंत तक सूचना दी जाएगी।

You cannot copy content of this page