नोट बदलने की आसान प्रक्रिया से भाजपा परेशान, आरबीआई के आदेश के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल की पीआईएल

नई दिल्ली। आरबीआई द्वारा घोषित 2000 के नोट बदलने की सरल प्रक्रिया भाजपा को रास नहीं आ रही है। इस प्रक्रिया को जटिल करने के लिए भाजपा नेताओं ने प्रयास प्रारंभ कर दिया है। बता दें कि मंगलवार से देश के सभी बैंकों में 2000 रूपए के नोट बदले जाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इस बीच, रिजर्व बैंक और स्टेट बैंक के बिना डॉक्यूमेंट के नोट बदलने के आदेश के खिलाफ भाजपा और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दिल्ली हाईकोर्ट में PIL दायर की है। उन्होंने बिना किसी पहचान प्रमाण पत्र के 2000 के नोट बदलने की अनुमति न देने की मांग की है।

इधर, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि लोग नोट बदलने के लिए बैंकों में भीड़ ना लगाएं। हमने 4 महीने का समय दिया है। आप आराम से नोट बदलिए, लेकिन समय सीमा को गंभीरता से लीजिए। दास ने कहा, ’30 सिंतबर की डेडलाइन के बाद भी 2000 के नोट लीगल टेंडर रहेंगे यानी वैध रहेंगे।’ RBI ने 19 मई को 2000 रुपए के नोट बंद करने का ऐलान किया था। RBI ने 30 सितंबर तक ऐसे नोट बैंकों में बदलने या अकाउंट में जमा करने को कहा है।

वहीं स्टेट बैंक ने रविवार को 2000 का नोट बदलने के लिए गाइडलाइन जारी की थी। भारत के सबसे बड़े बैंक ने कहा था कि नोट बदलने के लिए किसी ID की जरूरत नहीं है। कोई फॉर्म भी नहीं भरना होगा। एक बार में 10 नोट बदले जा सकेंगे।

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