नाबालिग का दैहिक शोषण : युवक को अदालत ने सुनाई कुल 21 वर्ष कारावास की सजा

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। देर रात घर में घुसकर नाबालिग किशोरी के दैहिक शोषण मामले में स्पेशल कोर्ट ने फैसला सुनाया है। दैहिक शोषण का यह सिलसिला लगभग 5 माह तक चला था। मामले के अभियुक्त को कोर्ट ने कुल 21 वर्ष के कारावास और 5100 रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किए जाने का फैसला दिया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) संगीता नवीन तिवारी की अदालत में आज सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक संतोष कसार ने पैरवी की थी।

मामला सुपेला थाना क्षेत्र का है। 31 जनवरी 2021 की रात लगभग 2.30 बजे किशोरी की मां की नींद खुलने पर वह अपनी बेटी के कमरे में गई थी। जहां उसने अपनी 15 वर्षीय बेटी के साथ मोहल्ले के ही राजपाल उर्फ शिवम साहू (19 वर्ष) को पलंग पर आपत्ति जनक स्थिति देखा। बेटी से पूछताछ करने पर उसने बताया कि रात लगभग 12.45 बजे युवक उसके कमरे में आ गया था और पलंग पर सो गया। किशोरी द्वारा बगल के कमरे में माता-पिता के होने की जानकारी दिए जाने के बावजूद युवक ने उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए। इससे पूर्व भी युवक ने की बार रात में घर में आकर किशोरी के साथ शारीरिक संबंध स्थापित किए थे।

यह सिलसिला 7 अगस्त 2021 की रात से चल रहा था। किशोरी द्वारा किए गए इस खुलासे के बाद मां ने अपने पति को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई गई। इस दौरान यह जानकारी भी सामने आई की लगातार दैहिक शोषण से किशोरी गर्भवती है।

पुलिस ने शिकायत और किशोरी के चिकित्सकीय परीक्षण के आधार पर आरोपी राजपाल उर्फ शिवम साहू के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर लिया। युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया तथा विवेचना पश्चात प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया था। प्रकरण पर विचारण फास्ट ट्रैक कोर्ट में किया गया। कोर्ट ने विचारण पश्चात अभियुक्त राजपाल उर्फ शिवम साहू (19 वर्ष) को बिना अनुमति के घर में प्रवेश करने और नाबालिग कि दैहिक शोषण करने का दोषी करार दिया गया। अभियुक्त को दफा 450 के तहत एक वर्ष तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत 20 वर्ष के कारावास से दंडित किया गया है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।