मासूम से अश्लीलता : युवक को मिला पूरे जीवन भर का कारावास, बिस्कुट खिलाने का लालच देकर करता था अश्लील हरकत

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। 3 साल की मासूम बच्ची से अश्लीलता के प्रकरण में पॉक्सो कोर्ट द्वारा फैसला सुनाया गया है। अभियुक्त को पॉक्सो एक्ट के साथ विभिन्न धाराओं के तहत कोर्ट ने दोषी करार दिया। यह फैसला आज विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) संगीता नवीन तिवारी की अदालत में आज सुनाया गया। आरोपी युवक को इस आरोप के तहत पूरे प्राकृत जीवनकाल के कारावास तथा 50 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है। प्रकरण पर अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक संतोष कसार ने पैरवी की थी।

मामला वैशाली नगर थाना क्षेत्र का है। प्रकरण का आरोपी ममोहन प्रसाद (32 वर्ष) पेशे से ड्राइवर है और भिलाई के कैंप-1 में किराए के मकान में रहता था। उसके पडौसन में ही पीड़ित 3 वर्ष की बालिका रहती थी। इस बालिका को ममोहन अपने कमरे में खेलने के लिए बुलाता था और बिस्कुट खिलाने का लालच देकर बालिका प्राइवेट पार्ट में उंगली से हरकत करता था। इस मामले का खुलासा पीडिता की मां द्वारा संदेह होने पर पूछताछ किए जाने पर हुआ।

दरअसल बालिका की मां का पति अपने ससुर की हत्या के मामले में जेल में बंद हैं। वह लड्डू बनाने का काम कर अपने परिवार का जीवन यापन करती है। 30 अप्रैल 2022 की सवेरे भी वह काम से घर से बाहर गई थी। वापस लौटने पर देखा कि उसकी 3 साल की बेटी ममोहन के कमरे की तरफ से पेंट को उपर चढ़ाते हुए आ रही है। जिस पर मां को संदेह हुआ और पेंट उतार कर देखने पर बालिका के प्राइवेट पार्ट पर तेल लगा पाया। पूछने बालिका ने रोते हुए बताया कि तेल भैया ने लगाया था और वह अक्सर उसके साथ कपड़े उतार कर गंदी-गंदी हरकत करते है। इस खुलासे के बाद पुलिस में आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई।

शिकायत के आधार पर बालिका का डॉक्टरी परीक्षण कराने के पश्चात पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध कर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। विवेचना पश्चात के प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया था। प्रकरण पर विचारण फास्ट ट्रैक कोर्ट में किया गया। विचारण पश्चात विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) ने अभियुक्त ममोहन प्रसाद (32 वर्ष) को दोषी करार दिया। अभियुक्त को पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत आजीवन कारावास जिसका अभिप्राय पूरे प्राकृत जीवन काल के लिए कारावास से दंडित किया गया है। मामले में गिरफ्तारी के बाद से अभियुक्त फैसला सुनाए जाने तक जेल में ही निरुद्ध है।