अभिषेक हत्याकांड, अभियुक्त अजीत सिंह ने कहा जिस घर से शव बरामद हुआ वह हमारा नहीं, 15 नवंबर को होगी अंतिम जिरह

शंकरा एज्युकेशन सोसायटी के डायरेक्टर अभिषेक मिश्रा हत्याकांड के आरोपी अजीत सिंह ने कहा है कि जिस घर से पुलिस ने शव बरामद किया है, उस घर में वह या उसका परिवार कभी निवास नहीं किए है। उसने पुलिस द्वारा जबरिया प्रकरण में फंसाए जाने का आरोप लगाया। वहीं अभियुक्त किम्सी ने कहा कि अभिषेक से उसकी मुलाकात वर्ष 2014 के बाद नहीं हुई थी। टेनिस टूर्नामेंट के स्पांसरशिप को लेकर मोबाइल अथवा मेल के माध्यम से ही बात होती थी। प्रकरण की अगली सुनवाई तिथि 15 नवंबर प्रकरण पर अधिवक्ताओं की अंतिम जिरह होगी।

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। जिला सत्र न्यायाधीश जी.के. मिश्रा की अदालत में सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान अभियुक्त बयान की शेष कार्रवाई हुई। जिसमें अभियुक्त किम्सी ने यह स्वीकार किया कि उसकी अभिषेक से 6, 7 व गुमशुदगी के दिन 9 नवंबर 2015 को मोबाइल से बात हुई थी। यह बातचीत टेनिस टूर्नामेंट की स्पांसरशिप को लेकर हुई थी। उसने कहा कि पूर्व में वह शंकरा कॉलेज में काम करती थी, जहां से उसने वर्ष 2014 में काम छोड़ दिया था। इसके बाद उसकी अभिषेक से मुलाकात नहीं हुई थी। स्पांसरशिप को लेकर अभिषेक के अलावा संबंधितों से मेल के माध्यम से संपर्क हुआ था। वहीं अभियुक्त अजीत सिंह ने बताया कि भिलाई के स्मृति नगर के जिस घर से पुलिस ने शव बरामद किया था, उसमें वह अथवा उसका परिवार कभी निवास नहीं किया है। उसने बताया कि चौहान टाउन में उसका निवास है और किम्सी की मायका भी यही है। इस मामले की अगली सुनवाई तिथि 15 नवंबर तय की गई है। जिसमें बचाव पक्ष व शासकीय अधिवक्ता के बीच अंतिम जिरह होगी।
किम्सी का फिर बयान कराने का अनुरोध
मामले में बचाव पक्ष की अधिवक्ता उमा भारती साहू ने सोमवार को अदालत में आवेदन दाखिल कर किम्सी का फिर से बयान कराए जाने की अनुमति मांगी। अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि पूर्व में किम्सी द्वारा कुछ तथ्यों की जानकारी नहीं दी जा सकी थी। इन तथ्यों को अदालत के समक्ष जाहिर करने तथा तथ्यों से संबंधित दस्तावेंजों को प्रकरण के रिकार्ड में शामिल किया जाना जरुरी है। इस आवेदन को न्यायाधीश ने स्वाकार कर लिया है। 15 नवंबर को ही किम्सी का अदालत में फिर से बयान होगा। वहीं शासकीय अधिवक्ता द्वारा अभियुक्तों का प्रतिपरीक्षण किया जाएगा।