नई दिल्ली। रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ पहलवानों ने एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है। टोक्यो ओलंपिक के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट बजरंग पूनिया के अलावा वीनेष फोगट और साक्षी मलिक जैसे रेसलर जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही इन पहलवानों का कहना है कि जब बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी नहीं हो जाती है, तब तक हमारा धरना प्रदर्शन अनवरत जारी रहेगा।
दरअसल, पिछले दिनों 7 महिला पहलवानों ने कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी, लेकिन अब तक एफआईआर दर्ज नहीं किा गया है। वहीं, सूत्रों की मानें को दिल्ली पुलिस का कहना है कि हम फिलहाल मामले की तफ्तीश कर रहे हैं। हरियाणा और बाहर के पहलवानों के 7 शिकायतें मिली हैं। साथ ही दिल्ली पुलिस का कहना है कि साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई करेंगे।

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के मामले में एफआईआर दायर नहीं करने पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है। महिला पहलवानों ने दिल्ली महिला आयोग में 2 दिन पहले शिकायत की थी कि पुलिस में लिखित शिकायत की गई है, लेकिन मामला दर्ज नहीं किया गया है.
बता दें कि रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह भारतीय जनता पार्टी से सोलहवीं लोक सभा के लिए कैसरगंज लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से वर्तमान में संसद सदस्य हैं। वे अबतक छः बार लोकसभा सदस्य निर्वाचित हो चुके हैं। बृजभूषण सिंह पर आरोप है कि उन्होंने पहलवानों के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया। साथ ही खिलाड़ियों को गाली दी। पहलवानों का आरोप है कि रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष विशेष रूप से खिलाड़ी और राज्य को निशाना बना रहे हैं। जबकि विनेश फोगट ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का गंभीर आरोप लगाया है।
इससे पहले जनवरी माह में कड़ाके की सर्दी में भारत के दिग्गज पहलवान जब जंतर-मंतर पर पहुंचे तो पूरा देश चौंक गया था। विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक जैसी दिग्गज खिलाड़ियों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण और कोच पर यौन शोषण समेत कई गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद तुरंत ही जांच समिति का गठन कर दिया गया था। जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट भी तैयार कर ली, लेकिन उस बारे धरने में शामिल हुए पहलवानों को नहीं बताया गया। इससे वह निराश हो गए और अब फिर से जंतर-मंतर पर पहुंच गए। धरने पर बैठने आए पहलवानों ने खेल मंत्रालय पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। पहलवानों ने कहा कि सरकार ने उनके साथ धोखा किया है, एक महीने में कार्रवाई का भरोसा दिया गया था लेकिन अब तीन महीने बाद भी जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है। साथ ही कहा कि सरकार ने पहलवानों को जो आश्वासन दिया था वह झूठा निकला। सरकार ने पहलवानों के साथ धोखा किया है।
भारत को पदक दिलाने वाले एथलीट्स के आंसू भी छलके। साक्षी और विनेश रो पड़ीं। इन्होंने कहा कि पहलवानों को अब झूठा कहा जा रहा, जबकि वह सच्चाई की लड़ाई लड़ रही हैं। कोई फैसला न आने तक वह फिर से अब धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे। पहलवानों ने कहा कि WFI शक्तिशाली है तो क्या उन्हें न्याय नहीं मिलेगा?
