दुर्ग (छत्तीसगढ़)। नाबालिग किशोरी को बहु के रूप में स्वीकार करना एक परिवार को काफी भारी पड़ा है। इस अपराध पर से पर्दा शादी के 10 माह बाद किशोरी से गाली-गलौज और मारपीट करने पर उठा था। पीड़ित किशोरी ने स्वयं ही पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। अदालत ने पति सहित किशोरी के सास ससुर को भी पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी करार दिया है। इस मामले में अदालत ने पति व सास ससुर को पॉक्सो एक्ट के तहत 20-20 वर्ष के कठोर कारावास से दंडित किया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) सरिता दास की अदालत में मंगलवार को सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक राजेश कुमार साहू ने पैरवी की थी।
मामला जामुल थाना क्षेत्र का है। पीड़ित किशोरी को आरोपी हरेन्द्र कुमार साहू (23 वर्ष) 17 जनवरी 2021 को डोंगरगढ़ ले गया था। जहां उसकी मांग भर उसे पत्नी बना लिया था। जिसके बाद 4 फरवरी 2021 को किशोरी को उसके घर से अपने साथ रायपुर ले गया और दोनों पति-पत्नी के रूप में साथ रहने लगे थे। रायपुर के बाद मरोदा सेक्टर में भी किशोरी के साथ पति-पत्नी के रूप में रहा। बाद में अपने माता-पिता के घर में किशोरी के साथ रखकर रहने लगा था।
इस प्रकरण में दिलचस्प है कि नाबालिग की गुमशुदगी और उसके शादी करने के संबंध में किशोरी के परिजनों ने न तो किसी प्रकार की आपत्ति की थी और न ही पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। मामले का खुलासा किशोरी के साथ पति हरेन्द्र और सास कमला बाई साहू (50 वर्ष) गाली-गलौज और मारपीट करने के बाद हुआ। पारिवारिक विवाद पर किशोरी के साथ 14 दिसंबर 2021 को पति और सास ने किसी बात को लेकर मारपीट की थी। जिसकी शिकायत लेकर किशोरी पुलिस के पास पहुंच गई थी।
शिकायत की जांच में किशोरी के साथ हरेन्द्र द्वारा नाबालिग के साथ शादी कर शारीरिक संबंध बनाने और इस कृत्य को हरेन्द्र के पिता नंद कुमार साहू (54 वर्ष), माता कमला बाई साहू (50 वर्ष) द्वारा संरक्षण दिया जाना सामने आया। जिस पर पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो सहित विभिन्न धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया गया था।
प्रकरण पर विचारण फास्ट ट्रैक कोर्ट में किया गया। विचारण पश्चात विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) ने तीनों ही आरोपियों को पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी करार दिया। प्रकरण के आरोपी हरेन्द्र कुमार साहू (23 वर्ष)को दफा 323 के तहत 6 माह, 376(3) के तहत 20 वर्ष, पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत 20 वर्ष के कारावास तथा कुल 2200 रूपए के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। वहीं नंद कुमार साहू (54 वर्ष) को दफा 212 के तहत 1 वर्ष, पॉक्सो एक्ट की धारा 17 के तहत 20 वर्ष तथा कुल 1500 रूपए के अर्थदण्ड साथ ही कमला बाई साहू (50 वर्ष) को दफा 323 के तहत 6 माह, 212 के तहत 1 वर्ष, पॉक्सो एक्ट की धारा 17 के तहत 20 वर्ष के कठोर कारावास तथा कुल 1700 रूपए के अर्थदण्ड से दंडित किए जाने का फैसला दिया है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।