उत्तर बस्तर कांकेर : शहर के गौठानों में अधिक मात्रा में गोबर की आवक से वर्मी कम्पोस्ट बनाने में होने वाली दिक्कतों से निपटने के लिए चारामा गौठान में किये गये उपाय जिले के अन्य शहरी गौठानों के लिए उदाहरण बन सकता है। इस गौठान में शेष बचे हुए 1040 क्विंटल गोबर को छोटे-छोटे वर्मी टंकियों में भरकर वर्मी कम्पोस्ट बनाने की दिक्कतों को देखते हुए अस्थाई रूप से एक बड़ा टांका बनाया गया, जिसमें 1040 क्विंटल गोबर और 440 क्विंटल अन्य कचरा को डालकर वर्मी कम्पोस्ट बनाया जा रहा है, जो लगभग बनकर तैयार हो चुका है तथा वर्मी कम्पोस्ट की गुणवत्ता भी अच्छी है।कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुमीत अग्रवाल ने आज चारामा विकासखण्ड के विभिन्न विकास कार्यों का निरीक्षण किया। इस दौरान उनके द्वारा नगर पंचायत चारामा द्वारा महानदी के किनारे संचालित गौठान का भी अवलोकन किया गया। गौठान में गोबर की अधिक आवक के कारण वर्मी कम्पोस्ट निर्माण के लिए टंकियों में भरने के बाद भी गोबर बच रहा था, जिसके कारण गोबर खरीदी की तुलना में कम मात्रा में वर्मी कम्पोस्ट तैयार हो रहा था, इस समस्या से निपटने के लिए गौठान अस्थाई रूप से अस्थाई रूप से (65x33x2.5) 05 हजार 362 टांका तैयार किया गया, जिसमें 1040 क्विंटल गोबर और 440 क्विंटल अन्य कचरा, जिसमें तेन्दूपत्ता, सब्जी मंडी के सड़े-गले सब्जी, पैरा इत्यादि को मिलाकर टांका में भरा गया तथा कुछ दिनों बाद केंचुआ डालकर वर्मी कम्पोस्ट बनाया जा रहा है। केंचुआ डालने के बाद टांके में बेसन का घोल एवं दही भी डाला गया है, जिसके परिणाम स्वरूप गौठान में उच्च क्वालिटी का वर्मी कम्पोस्ट तैयार हो रहा है। गौठान में इस समय 270 क्विंटल (900 बोरी) वर्मी कम्पोस्ट तैयार हो चुका है, इसके अलावा लगभग 750 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन होने की संभावना है।