रायपुर: कृत्रिम पैर लगने के बाद 14 वर्षीय बालक जागेश ने रुंधे हुए गले से बोला – मैंने कभी सोचा नहीं था कि फिर से चल सकूंगा। अब मैं फिर से चल सकता हूं। मुझे नई जिंदगी मिली है। खैरागढ़ के ग्राम सलोनी निवासी जागेश वर्मा पिता स्वर्गीय सुकलाल वर्मा ने 5 वर्ष पहले एक सड़क हादसे में अपना एक पैर और पिता को खो दिया था। इस दोहरे दुःख से उसके जिंदगी में अंधेरा छा गया था। दुर्घटना के बाद उसका परिवार निराश हो गया था। समाज कल्याण विभाग द्वारा रायपुर के माना स्थित राज्य संसाधन पुनर्वास केंद्र (पीआरआरसी सेंटर) में दिव्यांग बालक जागेश को निःशुल्क कृत्रिम पैर बनाकर लगाये जाने से उनके जीवन में फिर से नई रोशनी भर गई है। सेंटर में जागेश को कृत्रिम पैर से चलने का प्रशिक्षण भी दिया गया है। अब वह चल सकता है, खेल सकता है, अपने पैरों पर खड़ा हो सकता है।बालक जागेश ने खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई जिले के कलेक्टर डॉ. जगदीश सोनकर से मिलकर अपनी आप बीती बताई और कृत्रिम पैर लगाने हेतु आवेदन दिया। जिस पर कलेक्टर ने समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए। विभागीय तत्परता से दो माह के भीतर ही जागेश को राज्य संसाधन पुनर्वास केंद्र माना, रायपुर से कृत्रिम पैर लग गया और वह सकुशल अपने घर ग्राम सलोनी पहुंचा गया है। विभागीय अधिकारी ने बताया कि जागेश बहुत खुश है क्योंकि अब वह स्कूल जाता है और अपने सारे काम खुद कर लेता है।