अपने छोटे भाई व जीजा के हिस्से की जमीन को फर्जी तरीके से बेचें जाने के मामले में पुलिस द्वारा आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। आरोपी ने अपने भाई व जीजा के स्थान पर अन्य व्यक्तियों को खड़ा कर जमीन की रजिस्ट्री करवा दी थी। इस फर्जीवाड़े का 13 वर्ष बाद खुलासा होने पर पुलिस में फर्जीवाड़ा का शिकार हुए परिवार के सदस्य ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत की जांच के बाद 5 आरोपियों के खिलाफ दफा 420, 467, 468, 471 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मामला कातुलबोर्ड के हरिनगर स्थित 5220 वर्ग फुट प्लॉट से संबंधित है। हरि नगर का यह प्लाट अश्वनी खन्ना के साथ उसके छोटे भाई अनिल खन्ना व जीजा जवाहर लाल के संयुक्त नाम पर दर्ज था। इस प्लाट के 3000 वर्गफीट के हिस्से को अश्वनी खन्ना ने अपने भाई व जीजा की जानकारी के बिना 27 जुलाई 2006 को मलाजखंड (बालाघाट) निवासी उषा देवी सिंह पति दिलेश्वर सिंह को 1,14,000 रु. में बेचे दिया था। इसके अलावा 2220 वर्गफीट भूमि 14 जून 2006 को हरिनगर कातुलबोर्ड निवासी प्रसन्नजीत हलधर को 95,000 रु. में बेच दिया था। प्लाट के दोनों टुकड़ों की अश्वनी ने अपने भाई अनिल खन्ना के स्थान पर अपने पुत्र संदीप खन्ना एवं जीजा जवाहर लाल के स्थान पर आत्मा राम निवासी पुलगांव को पंजीयक कार्यालय में खड़ा कर फोटो लगाकर रजिस्ट्री करवा दी थी। इस फर्जीवाड़े में भोला प्रसाद मालवीय, सिलवेस्टर पाल ने भी सहयोग दिया था।
इस फर्जीवाड़े व कूट रचना की जानकारी अनिल खन्ना के शिवपारा, पुलगांव निवासी पुत्र चेतन खन्ना को होने पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। शिकायत में बताया गया है कि फर्जी तरीके से जमीन की इस बिक्री से अंजान 10 जनवरी 2009 में अनिल खन्ना की मौत हो गई थी। वहीं जवाहर लाल के पंजाब में रहने के कारण उन्हें भी इसकी जानकारी नहीं हो पाई। चेतन के अनुसार संभवत: जवाहर लाल की भी मृत्यु गई है। पिता व फूफा के हिस्से की जमीन को कूटरचना कर फर्जी तरीके से बेचे जाने की जानकारी मिलने पर पतासाजी करने पर यह खुलासा हुआ। शिकायत के आधार पर कोतवाली पुलिस ने आरोपी अश्वनी कुमार खन्ना, संदीप खन्ना, आत्मा राम एवं भोला प्रसाद मालवीय, सिलवेस्टर पाल के खिलाफ दफा 420, 467, 468, 471 के तहत जुर्म दर्ज कर प्रकरण को विवेचना में ले लिया है।