दुर्ग (छत्तीसगढ़)। अवैध शराब के कारोबार में सक्रीय दंपति की हत्या के मामले पर अदालत ने आज फैसला सुनाया है। अदालत ने हत्या के आरोपी युवक सहित हत्या में सक्रिय सहयोग प्रदान करने वाले आरोपी के मां-बाप को दोषी करार दिया है। तीनों अभियुक्तों आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया गया है। वहीं इस वारदात में दंपति का पुत्र भी तलवार के वार से घायल हो गया था। इस आरोप में युवक को तीन साल के कारावास से दंडित किया गया है। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार टामक की अदालत में सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर अपर लोक अभियोजक छन्नूलाल साहू ने पैरवी की थी।
घटना खुर्सीपार थाना क्षेत्र की है। थाना क्षेत्र अंतर्गत स्थित मछली मार्केट के पास निवासी माधवी अवस्थी उर्फ बुधिया दुकान चलाने की आड़ में अवैध शराब की बिक्री करती थी। जिस आरोप में पुलिस ने महिला को गिरफ्तार भी किया था। इस गिरफ्तारी के बाद मोहल्ले का निवासी जगतपाल शर्मा (48 वर्ष) का परिवार अवस्थी परिवार के मोहल्ले में रहने पर आपत्ति करने लगा था। जिसको लेकर प्रायः दोनों परिवारों में विवाद होता रहता था।
10 अगस्त 2020 की रात लगभग 8.30 बजे जगतपाल का बेटा आकाशदीप शर्मा उर्फ गुल्लू (23 वर्ष) तलवार लेकर अपने पिता और मां आशा शर्मा (44 वर्ष) के साथ माधवी के घर के पास पहुंचा। माधवी को उसकी मां आशा ने पकड लिया और गुल्लू ने उस पर तलवार से वार कर दिया। वहीं जगतपाल माधवी ने पति राजेश अवस्थी को पकड़ रखा था। जिसके सिर पर भी गुल्लू ने हत्या की नीयत से तलवार चला दी। शोरगुल सुन कर अवस्थी दंपति का बेटा सत्यनारायण अवस्थी (14 वर्ष) मौके पर पहुंचा तो गल्लू तलवार मारकर उसे भी घायल कर दिया। गंभीर रूप से घायल दंपती अस्पताल में दाखिल कराया गया, जहां उपचार के दौरान दोनों की मौत हो गई।
घायल सत्यनारायण की शिकायत पर पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं प्रकरण को विवेचना पश्चात विचारण के लिए न्यायालय के समक्ष पेश किया था।
प्रकरण विचारण पश्चात न्यायाधीश ने तीनों आरोपी आकाशदीप शर्मा उर्फ गुल्लू, उसके पिता जगतपाल शर्मा तथा मां आशा शर्मा को को दोहरे हत्याकांड का दोषी करार दिया। आरोपियों दफा 302 के तहत दो बार आजीवन कारावास व कुल दो-दो हजार रुपए अर्थदण्ड तथा आकाशदीप को दफा 324 के तहत 3 साल के कारावास और 1000 रुपये के अर्थदण्ड से भी दंडित किया गया है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। गिरफ्तारी के बाद से मामले में फैसला आने तक तीनों अभियुक्त जेल में ही निरूद्ध है।