ओएलएक्स के माध्यम से जुपीटर स्कूटर खरीदने के प्रयास में एक युवती ठगी का शिकार हो गई। ओएलएक्स पर स्कूटर बेचने का विज्ञापन जारी करने वाले शख्स ने स्वंय को मिलेर्टी की ऑफिसर बताकर युवती को अपने झांसे में ले लिया था। कथित ऑफिसर की बातों में आकर 26 हजार की जुपीटर तो नहीं खरीद पाई बल्कि युवती ने 75 हजार रु. गंवा दिए।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। ठगी का शिकार हुई युवती छावनी थाना क्षेत्र के कैंप-2 की निवासी मेहजबी (26 वर्ष) है। वह सिलाई का काम करती है। मेहजबी ने ओएलक्स पर एक जूपिटर स्कूटर 26 हजार रु. की कीमत में बेचने का विज्ञापन देखा था। विज्ञापन में दिए गए मोबाइल नंबर पर उसने 18 सिंतबर को संपर्क किया तो संबंधिथ व्यक्ति ने स्वयं को माना एयरपोर्ट में पदस्थ मिलेर्टी का ऑफिसर बताया और जूपिटर की होम डिलीवरी कराने का आश्वासन दिया था। कथित ऑफिसर ने अपना परिचय पत्र भी मेजबीन को भेजा था, जिसमें शख्स का नाम निखिल जाधव दर्ज था। उसके कहने पर मेहजबी ने टोकन मनी के रुप में 3 हजार 20 रु. बताए गए बैंक खाता में जमा करा दिए गए। जिसके बाद शख्स का फोन आया कि जिस व्यक्ति की गाड़ी है वह पूरी रकम मांग रहा है, रकम मिलने के बाद गाड़ी को मेहजबी के घर में छोड़ देगा। इस बात पर भी विश्वास कर मेहजबी ने बकाया रकम शख्स द्वारा बताए गए खाता के नंबर में ट्रांसफर कर दी। जिसके बाद फिर से उस शख्स का फोन आया कि उन्होंने गलत तरीके से रकम जमा की है। 5000-5000 रु. की बजाए 2000-3000 रु. की किश्त में रकम जमा करनी थी। इसलिए रकम फिर से जमा करनी होगी। साथ ही विश्वास दिलाया कि अरिक्त भुगतान की गई रकम को जो व्यक्ति स्कूटर छोडऩे आएगा वह वापस कर देगा। इस पर भी विश्वास कर फिर से रकम संबंधित बैंक खाता में जमा करा दिए गए। जिसके बाद न तो स्कूटर आया और न ही रकम वापस मिली। ठगी का अहसास होने पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। शिकायत की जांच के बाद पुलिस ने दफा 420 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर आरोपी की तलाश प्रारंभ कर दी है।