न्यू ईयर सेलिब्रेशन के दौरान नाबालिग प्रेमिका संग बनाए शारीरिक संबंध, प्रेमी को मिला कुल 13 वर्ष का कारावास

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। न्यू ईयर सेलिब्रेशन के दौरान नाबालिग प्रेमिका के साथ शारीरिक संबंध बनाना युवक को काफी भारी पड़ा है। इस मामले में अदालत ने युवक को कुल 13 वर्ष के कारावास व 10100 रूपए के अर्थदण्ड से दंडित किया है। युवक द्वारा किए गए इस कृत्य का खुलासा लगभग 6 माह बाद किशोरी के घर से अचानक लापता होने पर हुआ था। यह फैसला विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) संगीता नवीन तिवारी की अदालत में आज सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक संतोष कसार ने पैरवी की थी।

मामला वैशाली नगर थाना क्षेत्र का है। क्षेत्र की लगभग 17 वर्ष की किशोरी 26 जुलाई 2021 की शाम अचानक घर में बिना बताए गायब हो गई थी। इस दौरान किशोरी का पिता मेडिकल स्टोर गया था। घर वापस लौटने पर किशोरी के घर पर नहीं मिलने पर खोजबीन की। नहीं मिलने पर पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई गई । इसके बाद किशोरी स्वयं 27 जुलाई 2021 की शाम वापस लौट आई। पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि किशोरी को आदित्य सिंह (21 वर्ष) ने बुलाया था। जिसके बाद वह किशोरी को अपने साथ रातभर घुमाता रहा। घूमने के बाद वह वापस घर आ गई। किशोरी ने यह भी बताया कि आदित्य से उसका प्रेम संबंध है। 1 जनवरी 2021 को न्यू ईयर सेलिब्रेशन करने के लिए वह आदित्य द्वारा सुपेला के होटल इगल में बुक कराए गए कमरे में केक लेकर गई था। जहां सेलीब्रेशन के दौरान आदित्य ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए थे।

इस खुलासे के बाद पुलिस ने आदित्य को नाबालिग को उसके संरक्षक की अनुमति के बिना साथ ले जाने तथा पूर्व में शारीरिक संबंध बनाए जाने के आरोप में जुर्म दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। विवेचना पश्चात प्रकरण को अदालत के समक्ष विचारण के लिए पेश किया गया।

विचारण के दौरान युवक द्वारा नाबालिग के साथ शारीरिक संबंध बनाने तथा संरक्षण की बिना सहमति के साथ ले जाने तथ्य स्थापित होने पर आरोपी को दोषी करार दिया गया। अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि नाबालिग (18 वर्ष से कम उम्र) से शारीरिक संबंध बनाने में उसकी सहमति अथवा असहमति का कोई महत्व नहीं रह जाता है। जिसके मद्देनजर अभियुक्त आदित्य सिंह (21 वर्ष) को दोषी करार दिया जाता है। मामले में अभियुक्त को दफा 363 के तहत 3 वर्ष तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत 10 वर्ष के कारावास से दंडित किया गया। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेगी। अर्थदण्ड से हासिल राशि 10100 रुपए प्रतिकर के रूप में किशोरी को प्रदान करने का आदेश भी अदालत ने दिया है।