प्रदेश के एकलौते पशु विश्वविद्यालय के सामने मौत से संघर्ष करती रही गौ माता, प्रबंधन ने चिकित्सालय तक ले जाने की नही उठाई जहमत

प्रदेश का एकलौता कामधेनु पशु विश्वविद्यालय पशुओं के जीवन के प्रति कितना संजीदा है, इसका उदाहरण मंगलवार को देखने को मिला है। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने सड़क दुर्घटना में घायल गाय के उपचार की न सिर्फ अनदेखी वरन मानवता को तारतार कर देने की मिसाल भी कायम की है। गाय को कामधेनु विश्वविद्यालय के प्रवेश द्वार पर ही तडपते छोड़ दिया गया। जहां गौ माता जीवन और मौत से संघर्ष कर रही थी। इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल की नरवा, गुरुवा, घुरवा, बाड़ी योजना का जिम्मेदार अधिकारी किस प्रकार से माखौल उठा रहे है। मौके पर लिया गया विडियों आपको विचलित कर सकता है, लेकिन जिम्मेंदारों की संवेदनहीनता को उजागर करने के लिए इसे प्रसारित करना जरुरी है…

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। आपको बता दें कि अंजोरा स्थित इस पशु विश्वविद्यालय में पशुओं की बेहतरी के लिए अनुसंधान (रिसर्च) किए जाने का दावा भी प्रबंधन प्राय: करता रहता है। विश्वविद्यालय के प्रवेश द्वार पर मौजूद गार्ड के अनुसार कुछ समय पूर्व चिकित्सक आए थे और मलहम लगा कर चले गए। गाय को विश्वविद्यालय के चिकित्सालय में उपचार के लिए नहीं ले जाने का कारण साधन की कमी बताया जा रहा है। हालांकि गाय किन परिस्थियों में घायल हुए इसका खुलासा नहीं हुआ है। इस संबंध में विश्वविद्यालय के जिम्मेंदार अधिकारियों से संपर्क स्थापित करने का प्रयास किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।