छत्तीसगढ़ में रिकार्ड तोड़ धान खरीदी कर भूपेश सरकार ने साबित किया अपना किसान हितैषी होने का दावा : राजेंद्र साहू

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का आंकड़ा आज एक करोड़ टन पार कर गया। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री व जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष राजेंद्र साहू ने इस बड़ी उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों को बधाई दी है। राजेंद्र ने कहा कि सर्वाधिक धान खरीदी का रिकॉर्ड मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम दर्ज हो गया। चार साल से लगातार धान खरीदी का नया इतिहास बना रहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में इस साल अब तक एक करोड़ 2 लाख टन धान खरीदी हो चुकी है। धान खरीदी अभी लगातार चल रही है।

राजेंद्र ने कहा कि भूपेश सरकार ने धान खरीदी को लेकर जो उपलब्धियां हासिल की है, वो अमिट हैं। सही समय पर किसानों को धान विक्रय का मूल्य मिल रहा है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत आदान राशि की तीन किश्तों का भुगतान हो चुका है और 31 मार्च के पहले चौथी किश्त का भुगतान भी हो जाएगा।

उन्होंने बताया कि दुर्ग, बालोद और बेमेतरा जिले में इस साल 17 लाख 60 हजार टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया जिसमें से 16 लाख 15 हजार टन धान की खरीदी हो चुकी है। मिलर्स को 14 लाख टन का डीओ जारी हो चुका है। करीब 12 लाख टन धान का उठाव किया जा चुका है। पिछले साल तीनों जिलों में 15 लाख 67 हजार टन धान खरीदी की गई थी। जिसकी तुलना में इस साल 50 हजार टन ज्यादा धान खरीदी हो चुकी है। अभी लगातार धान खरीदी चल रही है। इस साल का लक्ष्य जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। तीनों जिलों में जिन किसानों ने धान का विक्रय किया है, लगभग सभी को भुगतान हो चुका है। धान खरीदी व्यवस्था में किसानों ने भरपूर सहयोग किया। सेवा सहकारी समितियों में पंजीयन से लेकर धान खरीदी, खाद-बीज की खरीदी, ऋण लेने जैसे हर कार्य में किसान भाईयों ने सहयोग किया।

राजेंद्र ने कहा कि प्रदेश में धान खरीदी का रिकॉर्ड किसानों के सहयोग के बिना संभव नहीं थी। किसानों को भरोसा हो चुका है कि यही सरकार उन्हें अनाज का सही मूल्य दे रही है। भूपेश सरकार ने किसानों से किया हर वादा पूरा किया। कर्ज माफी के साथ ही 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी का वादा पूरा किया। आज किसानों को 2640 रुपए की दर से भुगतान किया जा रहा है। भूपेश सरकार पर भरोसे के कारण ही किसानों ने धान का रकबा बढ़ाया। धान का उत्पादन बढ़ाया और पंजीकृत किसानों की संख्या भी बढ़ गई, जिसके कारण धान का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ और अब धान की रिकॉर्ड खरीदी हो रही है।