फर्जी जाति प्रमाण पत्रों की पड़ताल के लिए गठित उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति द्वारा राज्य के विभिन्न विभागों में काम करने वाले 42 व्यक्तियों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए है। इन प्रमाण पत्रों को निरस्त कर दिया गया है। समिति द्वारा विभिन्न विभागों से जाति प्रमाण पत्र की वैधता संबंधी प्राप्त 213 प्रकरणों पर विचार किया गया था। जिनमें से 96 प्रकरणों पर आदेश पारित किया गया। वहीं 19 प्रकरण संबंधित की मृत्यु हो जाने व अन्य के कारण से नस्तीबद्ध कर दिए गए। वहीं 25 व्यक्तियों के जाति प्रमाण पत्र वैध पाए गए है।
रायपुर (छत्तीसगढ़)। राज्य में गठित उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति के समक्ष विभिन्न विभागों मे कार्यरत 213 व्यक्तियों के जाति प्रमाण पत्र पर संदेह करते हुए शिकायतें प्राप्त हुई था। इन प्रमाण पत्रों की जांच के उपरांत रुल 42 व्यक्तियों के जाति प्रमाण पत्री फर्जी पाए गए है। विभागवार निरस्त किए गए प्रकरणों में कृषि विभाग के 6, चिकित्सा शिक्षा विभाग का 1, पशु चिकित्सा विभाग के 4, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के 2, राजस्व विभाग का 1, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के 3, तकनीकी शिक्षा विभाग के 1, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के 2, जल संसाधन, लोक अभियोजन (गृह विभाग), लोक निर्माण विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, उद्यानिकी, वन, नगरीय प्रशासन, खादी ग्रामोद्योग बोर्ड, उद्योग विभाग, भारतीय जीवन बीमा निगम और भिलाई स्टील प्लांट के 1-1 प्रकरण संबंधी जाति प्रमाण पत्र निरस्त किए गए। इसी प्रकार स्कूल शिक्षा विभाग के 6, जनप्रतिनिधियों के 3 और 2 अन्य प्रकरण निरस्त किए गए हैं।