राजनांदगांव। प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष मधुसूदन यादव के दिए बयान पर पलटवार करते हुए शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा ने कहा कि मधुसूदन यादव के महापौर रहते बूढ़ासागर में भ्रष्टाचार हुआ, शीतला मंदिर सिद्धपीठ जैसी जगह को भी भाजपाइयों ने नहीं छोड़ा, खुद के महापौर रहते हुए भ्रष्टाचार का खेल होता रहा। श्री छाबड़ा ने कहा कि महापौर मुधूसदन यादव के रहते शीतला मंदिर बूढासागर जो की मेरे वार्ड में आता था और अभी भी आता है, लोकार्पण और भूमिपूजन के समय में मेरे पार्षद रहते मुझे नहीं बुलाया गया तो मर्यादा और शिष्टाचार कर्तव्य कहा था? और चोरी-छिपे अभिषेक सिंह सांसद को अतिथि बनाकर बूढ़ासागर के भ्रष्टाचार निर्माण में जोड़ते रहे। ये भाजपाईयों को पुरानी परंपरा है, उस समय मधुसूदन यादव की मर्यादा और शिष्टाचार कहा था जब उस वार्ड के पार्षद तक को नहीं पूछा गया? और आज उसी का परिणाम है कि शीतला मंदिर सिद्धपीठ के सौंदर्यीकरण निर्माण कार्य में भ्रष्टचार करने वाले डा. रमन सिंह, अभिषेक सिंह और खुद मधुसूदन यादव दर-दर ठोकरे खा रहे है, वह खुद इस चीज को महसूस कर रहे हैं। डा. रमन सिंह, मधुसूदन यादव को अमित शाह को बताना चाहिए था कि यहां की जनता 15 लाख रूपया बैंक में खाते में कब आएंगी पूछ रही है, यहां की जनता चिटफंड कंपनियों में डूबे पैसे जो समाचार पत्रों में बड़े-बड़े विज्ञापन में भाजपा नेताओं के नाम बताने केन्द्रीय आकाओं को बोल रही है और केन्द्र की मोदी सरकार प्रतिवर्ष दो करोड़ लोगों को रोजगार अभी तक नहीं मिला है, ये भी अमित शाह को बताने बोल रही है। श्री छाबड़ा ने आगे कहा कि मधुसूदन यादव को मोहन मरकाम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को बोलने से पहले खुद सोचना चाहिए कि भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री रमन सिंह के निर्वाचन क्षेत्र में खुद विधायक, जिले का सांसद मुख्यमंत्री के लाडले प्यारे पुत्र अभिषेक सिंह एवं खुद मधुसूदन यादव के महापौर रहते अपने राजनांदगांव क्षेत्र में चल रहे अमृत मिशन योजना जिसकी लागत लगभग 210 करोड़ रूपया है, उसको भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिए है। नागरिकों के घरों में अमृत मिशन में भ्रष्टाचार के कारण ठीक से पानी नहीं मिल पा रहा है। पद में बैठने के बाद पद की मर्यादाओं एवं दायित्वों का पालन खुद इन्होंने नहीं किया है और इनकी पोल जनता के सामने खुद खुल चुकी है इनको अपना गिरबांह झांकना चाहिए छत्तीसगढ़ की विकास के लिए कांग्रेस की भूपेश बधेल सरकार मुख्यमंत्री जितने कार्य कर रही है। वह पूरे प्रदेश में दिख रहा है, जबकि हजारों करोड़ रूपया सिर्फ डा. रमन सिंह के निर्वाचन क्षेत्र में खर्च होने के बाद भी विकास का अता-पता नहीं बल्कि भ्रष्टाचार की गाथा भाजपाइयों ने कारनामों से भरी पड़ी है।