घर में मौजूद किशोरी को दरवाजे का आड़ से बुरी नीयत से देखना एक युवक को भारी पड़ा है। किशोरी की शिकायत पर पुलिस द्वारा दर्ज किए गए अपराध में न्यायालय ने उसे एक वर्ष के कारावास से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया है। पॉक्सो कोर्ट की विशेष न्यायाधीश शुभ्रा पचौरी की अदालत में यह फैसला सुनाया गया है। अभियोजन पक्ष की ओर से अति. लोक अभियोजक कमल किशोर वर्मा ने पैरवी की थी।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मामला जामुल थाना क्षेत्र का है। 11 जिसंबर 2018 की रात किशोरी अपने घर के अंदर थी, इसी दौरान गांव का ही युवक रमेश मल्लाह उसके घर आया और कमरे मौजूद किशोरी को दरवाजे की आड़ से देखने लगा। इसी दौरान किशोरी की मां मौके पर पहुंच गई और आवाज लगाई। जिससे घबरा कर रमेश मौके से भाग गया था। जिसके बाद किशोरी ने बताया कि रमेश उसे पिछले 6 माह से परेशान कर रहा है। स्कूल जाते समय उसका पीछा करता है और शादी करने का प्रस्ताव देता रहता था। लोक लाज के भय से उसने इसकी जानकारी नहीं दी थी। यह जानकारी सामने आने पर परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी रमेश मल्लाह के खिलाफ दफा 354 (घ) तथा पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण को विचारण के लिए न्यायालय के समक्ष पेश किया था।
प्रकरण पर विचारण पश्चात न्यायाधीश शुभ्रा पचौरी ने रमेश को किशोरी को बुरी नीयत से देखने का दोषी पाया। आरोपी को पॉक्सो एक्ट की धारा 12 के तहत 1 वर्ष के कारावास तथा 500 रु. के अर्थदंड से दंडि़त किए जाने का फैसला दिया गया है। अर्थदंड की राशि अदा नहीं किए जाने पर अभियुक्त को 1 माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा।