होंडा सिटी कार में सवार होकर ग्राहक की तलाश करने वाले तीन आरोपियों को न्यायालय द्वारा 5-5 वर्ष के कारावास से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया है। एनडीपीएस कोर्ट की विशेष न्यायाधीश गरिमा शर्मा ने आरोपियों पर 50-50 हजार रु. का अर्थदंड भी आरोपित किया है। वहीं इस मामले में जब्त होंडा सिटी कार की नीलामी कर राशि को राजसात करने का आदेश दिया है। प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से अति. लोक अभियोजक विजय कसार ने पैरवी की थी।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। पुलिस द्वारा होंडा सिटी कार में घूम रहे तीन युवकों को गांजा तस्करी की मिली सूचना के आधार पर 8 अक्टूबर 2017 को हिरासत में लिया था। ड्रीम सिटी, उमदा रोड पर इस कार की तलाशी में 17 पॉलिथिन के बैग में रखा गांजा बरामद हुआ था। मामले में पुलिस ने कार सवार कबीर नगर, रायपुर निवासी अविनाश आष्टिकर (45 वर्ष), उमदा हाउसिंग बोर्ड, भिलाई निवासी स्वदेश कौशिक (28 वर्ष) तथा कोसा नगर सुपेला निवासी रवि मेश्राम (24 वर्ष) के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 20 (ख),(2),(ब) के तहत अपराध पंजीबद्ध किया था। मामले में गांजा का परिवहन किए जाने में प्रयुक्त होंडा सिटी कार क्र. सीजी 04-एचडी-3311 को भी जब्त कर लिया गया था। प्रकरण पर विचारण एनजीपीएस कोर्ट की विशेष न्यायाधीश गरिमा शर्मा की अदालत में विचारण किया गया। मामले में न्यायाधीश ने आरोपियों को अवैध रुप से गांजा को संग्रहित कर उसे बेचने का प्रयास करने का दोषी पाया। तीनों आरोपियों को नारकोटिक्स एक्ट की धारा 20 (ख)(2)(ब) के तहत 5-5 वर्ष के कारावास तथा 50-50 हजार रु. के जुर्माना से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया है। अर्थदंड की राशि अदा नहीं किए जाने पर अभियुक्तों को 6-6 माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगा। इस मामले में विशेष न्यायाधीश में जब्तशुदा होंडा सिटी कार को नीलाम कर उसकी राशि को राजसात कर शासन के खजाने में जमा किए जाने का भी आदेश अपने फैसले में दिया है।