शराब के लिए 500 रु. नहीं मिले तो कर दिया चाकू से हमला, 3 आरोपियों को मिली 5-5 साल की कैद

शराब पीने के लिए पैसे देने से इंकार करने पर चाकू से हमला करने वाले तीन आरोपियों को न्यायालय द्वारा 5-5 वर्ष के कारावास से दंडि़त किया है। लगभग साल भर पहले हुई इस वारदात पर फैसला न्यायाधीश विवेक कुमार तिवारी की अदालत ने फैसला सुनाया है। इस प्रकरण में पुलिस द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत अभियोग पत्र में घायल के अस्पताल में उपचार संबंधित दस्तावेज संलग्न नहीं किए गए थे। जिसका लाभ अभियुक्तों को मिला और उन्हें जानलेवा हमले की धारा 307 के आरोप से मुक्त करते हुए खतरनाक हथियार से हमला किए जाने की धारा 326 के तहत दोषी करार दिया गया। प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से अति. लोक अभियोजक फरिहा अमीन ने पैरवी की थी।

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। वारदात 23 सितंबर 2018 को चरौदा बस्ती में घटित हुई थी। चरौदा बस्ती निवासी टीकेन्द्र साहू रात लगभग 8 बजे घर से निकला था। इसी दौरान अन्य मोहल्ले के निवासी भवानी शंकर तिवारी (33 वर्ष), अनिल शर्मा (26 वर्ष) तथा सूर्यकांत सिंह उर्फ कालू ने उसे रास्ते में रोक लिया। तीनों आरोपी उससे शराब पीने के लिए 500 रु. की मांग करने लगे, जिससे इंकार करने पर आरोपियों ने उस पर चाकू से बार करना प्रारंभ कर दिया। जिस पर टीकेन्द्र ने बचाने के लिए गुहार लगाई, जिसे सुन मौके पर उसकी पत्नी मनीषा और पडौसी शंकर साहू तथा राजेश यादव पहुंचे। उनके बीच बचाव करने पर आरोपी मौके से भाग गए। गंभीर रुप से आहत टिकेन्द्र को रायपुर के अग्रवाल अस्पताल में दाखिल कराया गया। पुलिस ने रपट के आधार पर आरोपियों के खिलाफ दफा 307, 341, 327 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण को विचारण के लिए न्यायालय के समक्ष पेश किया था।
प्रकरण पर विचारण न्यायाधीश विवेक कुमार तिवारी की अदारलत में किया गया। विचारण के दौरान न्यायालय ने पाया कि अभियोग पत्र में घायल के रायपुर, दुर्ग व सुपेला अस्पताल में किए गए उपचार संबंधी दस्तावेज संलग्न नहीं है। जिससे यह साबित नहीं हो सका कि आरोपियों के हमले से घायल के जीवन को खतरा हो सकात था। न्यायालय ने चिकित्सकों तथा अन्य गवाहों के कथन के आधार पर यह माना कि आरोपियों द्वारा उगाही के लिए हमले में खतरनाक हथियार का प्रयोग किया गया था। जिसके आधार पर आरोपियों को दफा 327 व 326 के तहत 5-5 वर्ष कारावास तथा दफा 341 के तहत 1-1 माह के कारावास से दंडित करने का फैसला सुनाया है। अभियुक्त को अर्थदंड से भी दंडित किया गया है। जिसे अदा नहीं किए जाने पर उन्हें अतिरिक्त कारावास भोगना होगा।

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