दुर्ग रेलवे स्टेशन को बम ब्लॉस्ट से उड़ाए जाने की धमकी मिलने के बाद रेलवे प्रशासन सजग हो गया है। धमकी को गंभीरता से लेते हुए डीआरएम कौशल किशोर ने स्टेशन परिसर का मुआयना किया। उन्होंने धमकी के बावजूद स्टेशन परिसर की चौकसी में बरती जा रही लापरवाही पर उन्होंने रेलवे सुरक्षा एजेंसी के पास संसाधनों की कमी का हवाला देते हुए कहा कि इसके बावजूद परिसर की निगरानी में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाएगी। डीआरएम के साथ रेलवे सुरक्षा बल के कमांडेंट अनुराग मीणा भी मौजूद थे।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। पाकिस्तान के आंतकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एरिया कमांडर मैसूद अहमद द्वारा कथित रुप से यह पत्र करांची से रोहतक रेलवे प्रबंधन को भेजा गया था। जिसमे दुर्ग रेलवे स्टेशन में 8 अक्टूबर को बम ब्लॉस्ट किए जाने की धमकी दी गई थी। इस पत्र की जानकारी मिलने के दूसरे दिन डिविजनल रेलवे मेनेजर कौशल किशोर मंगलवार की शाम दुर्ग रेलवे स्टेशन पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने स्टेशन परिसर की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। साथ ही सुरक्षा एजेंसी को विशेष निर्देश दिए। उन्होंने स्टेशन परिसर में संचालित सभी सीसीटीवी कैमरे सुचारू रुप से काम कर रहे है कि नहीं की जानकारी लिए। उन्होंने सभी कैमरों को चालू करने की व्यवस्था करने के साथ रिकार्डिंग को बेहतर करने के निर्देश दिए। साथ ही प्लेटफार्म सहित पार्किंग की चौकसी गंभीरता से किए जाने के निर्देश दिए। चर्चा में उन्होंने कहा कि फिलहाल रेलवे सुरक्षा एजेंसी के पास सिमित संसाधन है, इसके बावजूद स्टेशन परिसर में बेहतर निगरानी व जांच की व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशन सार्वजनिक उपक्रम में यहां पर किसी के प्रवेश पर रोक नहीं लगाई जा सकती है, लेकिन अवांछित तत्व की परिसर में मौजूदगी न हो इसके लिए बेहतर निगरानी व जांच की व्यवस्था की जा रही है। निरीक्षण के दौरान उन्होंने नागरिकों से भी चर्चा कर स्टेशन परिसर में व्याप्त खामियों की जानकारी ली। सिकोलाभाठा रेलवे क्रासिंग पर प्रस्तावित अंडर ब्रिज के कार्य का स्थानीय व्यापारियों द्वारा विरोध किए जाने के संबंध में उन्होंने कहा कि इस पर विचार किया जा रहा है, अंडर ब्रिज निर्माण से नागरिकों को लाभ मिल सकें और व्यापारियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसका ध्यान रखा जाएगा।