रिश्ते में चचेरी बहन को शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करने का प्रयास करने के आरोपी को न्यायालय द्वारा तीन वर्ष के कारावास से दंडि़त किया गया है। आरोपी लगभग एक वर्ष से किशोरी को परेशान कर रहा था, घटना के दिन किशोरी के साथ आरोपी ने जबरदस्ती करने का प्रयास किया। बीचबचाव करने आई किशोरी की मां व नानी के साथ हाथापाई भी की। इस मामले में न्यायधीश शुभ्रा पचौरी द्वारा आरोपी युवक को तीन वर्ष के कारावास से दंडि़त किए जाने का फैसला सुनाया है। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अति. लोक अभियोजक कमल किशोर वर्मा ने पैरवी की थी।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मामला नेवई थाना का है। मामले के अनुसार आरोपी सुपेला निवासी अजय सोनवानी पीडि़त किशोरी की बुआ का लड़का है। आरोपी द्वारा किशोरी पर अपने शारीरिक संबंध बनाने का लगभग एक वर्ष से दबाव बना रहा था। वह किशोरी पर अपने रिश्तेदार के साथ शारीरिक संबंध बना लिए जाने का आरोप लगा कर ब्लैकमेल करने का प्रयास कर रहा था। घटना दिन 5 जून 2014 को अजय सोनवानी पीडि़ता के घर पहुंचा और उसके साथ अश्लील हरकत करने लगा, जिसका विरोध किए जाने पर उसके साथ मारपीट की और बुरी नीयत से उसे कमरे में ले जाने का प्रयास करने लगा। इसी दौरान पाडि़ता की मां व नानी मौके पर पहुंची और इस हरकत का विरोध किया। जिससे नाराज आरोपी ने पीडि़ता की मां व नानी से भी मारपीट की। इसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा। पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण को विचारण के लिए न्यायालय के समक्ष पेश किया था।
प्रकरण पर विचारण के दौरान न्यायाधीश शुभ्रा पचौरी ने आरोपी को नाबालिग की लज्जा भंग करने के उद्देश्य से इस हरकतको अंजाम देने का दोषी पाया। मामले में आरोपीको दफा 509 के तहत 3 वर्ष के कारावास व 500 रु. के अर्थदंड़ तथा दफा 354 (क) के तहत 1 वर्ष के कारावास व 500 रु. के अर्थदंड से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया है। इसके अलावा दफा 323 के तहत अर्थदंड से दंडित किया गया है।