अपने चचेरे भाई की चाकू मार कर हत्या करने के आरोपी को न्यायालय द्वारा उम्रकैद से दंडित किया गया है। आरोपी ने खुद मृतक को खाने पर परिवार सहित बुलाया था, जिसके बाद पारिवारिक विवाद के चलते इस घटना को अंजाम दिया। मामले में न्यायाधीश मधुसूदन चंद्राकर की अदालत में विचारण किया गया था। अभियोजन पक्ष की ओर से अति. लोक अभियोजक के.डी. त्रिपाठी ने पैरवी की थी।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। वारदात 11 सिंतबर 2016 को माडल टाउन, नेहरु नगर में दोपहर को घटित हुई थी। आरोपी जगीरा सिंग ने अपने चचेरे भाई शैलेन्द्र सिंग को परिवार सहित खाना का न्यौता दिया था। जिस पर शैलेन्द्र सिंग अपनी पत्नी पद्मा कौर तथा एक साल के पुत्र बाबी के साथ उसके घर पहुंचा था। दोपहर को जगीरा अपने साथ शैलेन्द्र को घर की छत पर ले गया और पारिवारिक विवाद कर उस पर चाकू से हमला कर दिया। हमले से बचने के लिए छत पर शैलेन्द्र भागने लगा, लेकिन चाकू के वार से नहीं बच पाया। कुछ देर बाद दोनों छत से नीचे आ गए। चाकू के वार से घायल शैलेन्द्र ने पानी की मांग की तो जगीरा ने उसके चाकू से हुए जख्म पर पानी बाल्टी उडेल दी। जिसके बाद जगीरा का पुत्र अमनदीप मोटर सायकल से शैलेन्द्र को अस्पताल ले जाने के लिए निकला, लेकिन उसे रास्ते में ही छोड़ दिया। साथ में मौजूद पद्मा ने किसी प्रकार एक आटो को रोका और उससे घायल शैलेन्द्र को लेकर बीएसआर अस्पताल पहुंची। जहां डॉक्टर ने उसे मृत धोषित कर दिया। वहीं जगीरा ने इस वारदात की जानकारी खुद शैलेन्द्र के पिता सतपाल सिंग को जानकारी दी थी, साथ ही चुनौति दी थी उसका जो बिगाड़ सकते हो बिगाड़ लो। मामले की रपट के आधार पर सुपेला पुलिस ने आरोपी जगीरा सिंग के खिलाफ दफा 302 का अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया था।
प्रकरण पर न्यायाधीश मधुसूदन चद्राकर की अदालत में विचारण किया गया। इस मामले में अभियोजन पक्ष द्वारा 16 गवाह न्यायालय के समक्ष पेश किए थे। जिनमें से 8 गवाह पक्षद्रोही घोषित कर दिए गए। मृतक की पत्नी पद्मा कौर, पिता सतपाल सिंग तथा पडौसी आकाश की गवाही के आधार पर न्यायालय ने आरोपी को हत्या का दोषी करार दिया। न्यायाधीश ने आरोपी को दफा 302 के तहत आजीवन कारावास से दंडि़त करने का फैसला सुनाया है।