नई दिल्ली । लोन फ्रॉड केस में शुक्रवार को सीबीआई ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ और एमडी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को गिरफ्तार कर लिया। चंदा कोचर पर बैंक के पॉलिसी और रेगुलेशन के खिलाफ जाकर करोड़ों रुपए का लोन देने का आरोप है।
चंदा कोचर उस कमेटी का हिस्सा रहीं जिसने 26 अगस्त 2009 को बैंक द्वारा वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स को 300 करोड़ रुपए और 31 अक्टूबर 2011 को वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को 750 करोड़ रुपए देने की मंजूरी दी थी। आरोपों के बाद 59 साल की चंदा ने अक्टूबर 2018 में आईसीआईसीआई बैंक के पूर्व सीईओ और एमडी के पद से इस्तीफा दे दिया था।
मई 2020 में प्रवर्तन निदेशालय ने चंदा कोचर और उनके पति से करोड़ो रुपए के लोन और इससे जुड़े अन्य मामलों में पूछताछ की थी। इस मामले में सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की थी। बाद में ईडी ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था।
वीडियोकॉन समूह के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत के चंदा कोचर के पति दीपक कोचर के साथ व्यापारिक तौर पर अच्छे संबंध रहे। यही वजह रही कि वीडियोकॉन ग्रुप की मदद से जो कंपनी बनी उसे दीपक कोचर के पिनैकल एनर्जी ट्रस्ट के नाम कर दिया गया। वेणुगोपाल धूत ने दीपक कोचर की इसी कंपनी के जरिए मोटी रकम का हेरफेर किया।