फैक्ट्री में लगी आग, बेगम को मनहूस बता मांगे 1 करोड़, पुलिस ने दर्ज किया जुर्म

निकाह के 7 माह बाद फैक्ट्री में आग लगने की घटना पर बेगम को मनहूस कहकर प्रताड़ित करने और मायके से 1 करोड़ रुपए की मांग कर विवाहिता को मायके में छोडने वाले शौहर सहित ससुराल पक्ष के खिलाफ पुलिस ने जुर्म दर्ज किया है। पीड़ित विवाहिता पिछले लगभग एक साल से अपने मासूम बच्चे के साथ मायके में रह रही है।

दुर्ग (छत्तीसगढ़) । विवाहिता को प्रताड़ित किए जाने का यह मामला नई दिल्ली का है। पीडित युवती भिलाई औद्योगिक क्षेत्र की निवासी है। शहीबा अहमद का निकाह पश्चिम बंगाल के बर्नपुर (आसनसोल) निवासी सैय्यद अली के पुत्र सरफराज आलम के साथ 27 मार्च 2016 को हुआ था। सरफराज का नई दिल्ली में वेयर हाउस का कारोबार है। निकाह के दौरान शहिबा के पिता ने लाखों रुपए के जेवरात व अन्य सामान उपहार में दिए थे। इसके बावजूद शहीबा के ससुराल वाले कम दहेज लाने का ताना देकर उसे प्रताड़ित करते रहे। लगभग एक सप्ताह तक बर्नपुर में रहने के बाद विवाहिता अपने शौहर के साथ नई दिल्ली आ गई। वहांं पर भी कम दहेज को लेकर तानों का दौर चलता रहा।
विवाहिता को बताया मनहूस
इसी दौरान निकाह के लगभग 6 माह बाद सरफराज के वेयर हाउस में आग लग गई। इस आगजनी की घटना के लिए ससुराल वालों ने उसे मनहूस करार देते हुए और अधिक प्रताड़ित करना प्रारंभ कर दिया। साथ ही दहेज में एक करोड़ रुपए की रकम मायके से लाने की मांग की जाने लगी। गर्भवती होने पर उसे मायके भेजा गया। भिलाई में डिलीवरी होने के बाद उसके ससुराल वाले आए और नवजात पुत्र के साथ उसे बर्नपुर ले गए। जहां से कुछ दिनों के बाद वह अपने शौहर के पास दिल्ली चली गई। इस दौरान ससुराल वाले 1 करोड़ की मांग मायके पक्ष से लगातार करते रहे।
भेज दिया मायके
मांग पूरी नहीं होने पर शहिबा के माता-पिता को दिल्ली बुलाया कर रकम मांगी गई। रकम का इंतजाम किए जाने में असमर्थता जाहिर किए जाने पर शहीबा को उनके साथ 23 जून 2018 भिलाई भेज दिया गया। जिसके बाद से शहीबा अपने पुत्र के साथ मायके में ही रह रही है। इस दरम्यान पुलिस की मध्यस्थता में दोनों पक्षों में सुलह कराने का प्रयास भी किया गया। प्रयास असफल होने पर पुलिस ने शहीबा के पति सरफराज, ससुर सैय्यद अली, सास ईशरत खातून, देवर शाहनवाज़, शोएब आलम के खिलाफ प्रताड़ना की धारा 498 ए के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।