नाबालिक बच्चों के साथ मिलकर साले पर किया खुखरी से हमला, 3 साल की कैद

आपसी रंजिश को लेकर साले पर खुखरी से हमला करने वालें आरोपी को न्यायालय द्वारा 3 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई है। आरोपी ने अपने दो नाबलिग पुत्रों के साथ इस घटना को अंजाम दिया था। पुलिस ने प्रकरण में जानलेवा हमले का जुर्म दर्ज किया था, लेकिन अदालत में विचारण के दौरान घायल को लगी चोटें जानलेवा साबित नहीं हो सकी। जिसके चलते आरोपी को खतरनाक हथियार से हमला करने के आरोप में न्यायाधीश ममता शुक्ला ने आरोपी को दफा 326 के तहत दंडित करने का फैसला दिा। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अति. लोक अभियोजक महेन्द्र सिंह राजपूत ने पैरवी की थी।

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। वारदात कातुलबोर्ड क्षेत्र में 24 दिसंबर 2016 को घटित हुई थी। जानकारी के अनुसार कातुलबोड निवासी रविशंकर निषाद की बहन से रुपेश नाथ (45 वर्ष) ने घटना से लगभग 17 वर्ष पूर्व प्रेम विवाह किया था। इस विवाह को रविशंकर स्वीकार नहीं करता था, जिससे रुपेश उससे रंजिश रखता था। घटना से कुछ दिन पूर्व पारिवारिक विवाद के चलते रविशंकर की बहन अपने मायके आ गई थी। इसको लेकर रुपेश का अपने ससुराल पक्ष के साथ विवाद भी हुआ था। 24 दिसंबर 2016 की शाम रविशंकर जब सामान लेने दुकान जा रहा था, इसी दौरान ताक में बैठें रुपेश ने अपने दो नाबलिग पुत्रों के साथ उस पर हमला कर दिया। हमले में आरोपियों द्वारा खुखरी का प्रयोग किया गया, खुखरी के वार से रविशंकर के सिर व पीठ पर चोटें आ गई थी। उसे घायल अवस्था में उपचार के लिए अस्पताल में दाखिल कराया गया था। मामले की घायल की मां द्वारा मोहन नगर थाना में दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ जानलेवा का हमले का अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण को विचारण के लिए न्यायालय के समक्ष पेश किया था। वहीं नाबालिग पुत्रों के खिलाफ पंजीबद्ध अपराध पर विचारण के लिए बाल न्यायालय के समक्ष पेश किया गया।
आरोपी रुपेश नाथ के प्रकरण पर विचारण न्यायाधीश ममता शुक्ला की अदालत में किया गया। विचारण के दौरान घायल का उपचार करने वालें चिकित्सक ने अदालत को बताया कि चोटें इतनी संघातिक नहीं थी कि घायल को तत्काल उपचार उपलब्ध नहीं कराया जाता तो उसकी मृत्यु हो जाती। इसका लाभ अभियुक्त को मिला, लेकिन खतरनाक हथियार से हमला करने के आरोप में रुपेश नाथ को दोषी करार दिया गया। न्यायाधीश ने अभियुक्त रुपेश राय को दफा 326 के तहत 3 वर्ष के कारावास व 3000 रु. अर्थदंड से दंडि़त करने का फैसला सुनाया है।

You cannot copy content of this page