दुर्ग (छत्तीसगढ़)। युवती से प्रेम विवाह कर पत्नी बनाने और फिर चरित्र पर संदेह कर हत्या करने के आरोपी के खिलाफ अदालत ने आज फैसला सुनाया है।अदालत ने आरोपी पति को आजीवन कारावास व एक हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया है। यह फैसला जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजय कुमार जायसवाल की अदालत में सुनाया गया है। दिलचस्प यह है कि मृतका आरोपी की तीसरी पत्नी है और तीनों पत्नियों से उसके सात बच्चें है। अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक बालमुकुंद चंद्राकर ने पैरवी की थी।
मामला पद्मनाभपुर पुलिस चौकी अंतर्गत रायपुर नाका स्थित उत्कल नगर का है। उत्कल नगर निवासी पेशे से सायकल मैकेनिक अंकुर बाघ (34 वर्ष) ने शीतलाना उर्फ शीतल ठाकुर से वर्ष 2014-15 में प्रेम विवाह किया था। शीतलाना उसकी तीसरी पत्नी थी। जिसके साथ अंकुर उत्कल नगर में किराये के मकान में रहता था। शीतलाना के हाथ पर किसी अन्य के नाम का गोदना था, जिसको लेकर अंकुर उसके चरित्र पर शंका करता था और प्रायः मारपीट करता था। जिसके बाद 30 मई 2017 को अंकुर ने शीतलाना के साथ मारपीट नहीं करने का सहमति पत्र लिख कर दिया था। जिसके बाद वर्ष 2021 में शीतलाना की मां सुरेखा की तबीयत ठीक नहीं होने के कारण डेढ़ माह से मां के घर थी। घटना दिनांक 1 फरवरी 2021 की रात अंकुर हमेशा की तरह अपनी ससुराल खाना खाने गया। खाना खाने के बाद वह अपनी पत्नी को लेकर अपने किराए के घर में आ गया था। रात में उसने पत्नी के साथ शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा जाहिर की। जिससे पत्नी ने इंकार कर दिया। इंकार से आक्रोशित अंकुर ने कपड़ा काटने की कैंची से शीतलाना पर हमला कर दिया। पेट, सीने, पीठ सहित अन्य स्थानों पर किए गए कैंची के वार से घायल शीतलाना ने दम तोड़ दिया। दूसरे दिन इस घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई।
पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। विवेचना पश्चात प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया गया। प्रकरण विचारण पश्चात सत्र न्यायाधीश ने अभियुक्त अंकुर बाघ (34 वर्ष) को अपनी पत्नी की हत्या करने का दोषी करार दिया। अभियुक्त को दफा 302 के तहत आजीवन कारावास से दंडित किया गया है। मामले में गिरफ्तारी के बाद से अभियुक्त जेल में ही निरूद्ध है।