ऐतिहासिक कुतुब मीनार में नई एलईडी प्रकाश व्यवस्था की गई है। 12वीं शताब्दी का यह स्मारक अब सूर्यास्त के बाद भी रोशनी से जगमगाएगा। इस दूधिया रोशनी में भी पर्यटक अब ऐतिहासिक धरोहर का दीदार कर सकेंगे।
नईदिल्ली, केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल ने ऐतिहासिक कुतुब मीनार में नई एलईडी प्रकाश व्यवस्था का उदघाटन किया। इस अवसर पर पटेल ने कहा कि कुतुब मीनार भारतीय संस्कृति को सही मायनों में प्रदर्शित करता है। यह कई युगों के इतिहास को समेटे हुए है। कुतुब काम्पलेक्स के विकास से पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी।
स्मारकों में जन सुविधाओं की व्यवस्था के बारे में श्री पटेल ने कहा कि हमने हाल ही में ताज महल में बेबी फीडिंग सेंटर की शुरुआत की है। जल्द ही ऐसे सेंटर अन्य यूनेस्को विश्व विरासत स्थलों में भी स्थापित किए जाएंगे। भारत के पुरातात्विक महत्व को रेखांकित करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने दिल्ली के प्रमुख स्मारकों में रोशनी व्यवस्था करने की परियोजना शुरू की है। इसके तहत लाल किला, हुमायूं का मकबरा, पुराना किला और सफदरजंग मकबरे में पहले ही रोशनी की व्यवस्था की जा चुकी है। शाम में पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिए लाल किला, सफदरजंग मकबरा और हुमायूं के मकबरे की समय अवधि को 9 बजे रात्रि तक बढ़ा दिया गया है। कुतुब मीनार 10 बजे रात्रि तक खुला रहेगा। कुतुब मीनार की मेहराबों और मीनारों की स्थापत्य कला को प्रदर्शित करने के लिए कुल 358 आधुनिक एलईडी लाइट लगाए गए हैं। इससे पारंपरिक प्रकाश व्यवस्था की तुलना में ऊर्जा की खपत में 62 प्रतिशत की कमी आएगी। रोशनी की यह नई व्यवस्था प्रतिदिन 7 बजे सायं से शुरू होकर 10 बजे रात्रि तक जारी रहेगी। इसका मासिक खर्च 16,615 रुपए है और इस प्रकार रोशनी व्यवस्था का पूरे वर्ष के लिए खर्च 1,99,388 रुपए होगा। कुतुब मीनार यूनेस्को विश्व विरासत स्थल है। प्रत्येक वर्ष हजारों पर्यटक इसे देखने आते हैं।