बुधवार की रात पुलिस दल पर असमाजिक तत्वों द्वारा किए गए हमले ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि जिले में पुलिसिंग की हालत बद् से बद्त्तर होती जा रही है। एक ओर जहां गंभीर अपराधों की फेहरिश्त बढ़ती जा रही है, वहीं पुलिस स्वयं की सुरक्षा करने में भी नाकाम हो रही है।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। शंकर नगर में असमाजिक तत्वों ने पुलिस दल पर हमला कर यह साबित कर दिया कि उनमें पुलिस का खौफ नहीं रहा है। इसका कारण पुलिस का इन तत्वों के साथ भाईचारें का संबंध निभाया जाना माना जा रहा है। प्रदेश सरकार के दो महत्वपूर्ण ओहदेदार सीएम भूपेश बघेल और गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू निवास दुर्ग जिले में होने से यह पिछले आठ महीने से वीवीआईपी जिला बना हुआ है। इसके बावजूद यहां की पुलिसिंग बद् से बद्त्तर हो गई है। अपराधी बेलागम हो चुके है पिछले आठ महीने में सबसे ज्यादा जिले में कई गंभीर वारदातें हुई है। इन वारदातों में से जिनका खुलासा हुआ है, वे सिर्फ संयोगवश ही हुआ है।
अपहरण, दुष्कर्म हत्या जैसे मामले आए दिन घटित हो रहे है और अब तो बदमाश सारी हदें पार कर पुलिस पर ही हमलावर हो गए है। बीती रात शंकर नगर में हुई घ्वारदात इसका प्रमाण है। बुधवार की रात मुहल्ले में बदमाश मारपीट कर रहे थे, राहगीरों को परेशान किया जा रहा था। स्थानीय लोगो ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुची 112 पुलिस पेट्रोलिंग पार्टी ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर थाना मोहन नगर लाने का प्रयास कर रही थी कि अचानक उसके साथी ने अन्य के साथ मिलकर पुलिस पर हमला बोल दिया। मौके पर पुलिस के चालक समेत चार आरक्षक मौजूद थे लेकिन बदमाशो का सामना करने में किसी की हिम्मत नही पड़ी। एक आरक्षक को बदमाशो ने बेरहमी से पीटा लाठी पत्थर से मारने के बाद बदमाशो ने आरक्षक को लात घुसे से भी मारा। ये सब बीच सड़क पर होता रहा मौके पर मौजूद अन्य तीन आरक्षक मुकदर्शक बने रहे । घायल आरक्षक को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है, जहां उसका इलाज किया जा रहा है। बाकी तीन की तलाश अभी भी पुलिस कर रही है। इस घटना से एक बात तो साफ हो गई है कि सीएम और गृहमंत्री के इस वीवीआईपी जिले में अपराधी बेख़ौफ है, जिन पर पुलिस का नियंत्रण नहीं रह गया है।