किशोरियों को शादी का झांसा दे बनाए संबंध, आश्रयदाता सहित तीन को कैद

अवयस्क युवतियों को शादी का झांसा देकर घर से भगा कर शारीरिक संबंध बनाने वालें दो आरोपियों को फास्ट टे्रक कोर्ट द्वारा 20 वर्ष के कारावास से दंडि़त किया गया है। वहीं इन आरोपियों व युवतियों को संरक्षण प्रदान करने के आरोपी को 5 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई है। प्रकरण पर अभियोजन पक्ष की ओर से अति. विशेष लोक अभियोजक पुष्पारानी पाढ़ी ने पैरवी की थी। किशोरियों को लगभग 10 दिन बाद पुलिस ने बरामद किया था।

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। अवयस्क युवतियों से शादी का प्रलोभन देकर शारीरिक संबंध बनाए जाने का यह मामला सुपेला थाना का है। जानकारी के अनुसार 16 वर्ष की दो किशोरियां 11 अक्टूबर 2016 की शाम घर से लापता हो गई थी। दोनों सहंलियां थी। घटना दिन को दोनों दुर्गा देखने गई थी। शाम को घर लौटी और चिप्स लेने के लिए घर से निकली, लेकिन वापस नहीं लौटी। दोनों किशोरियों के परिजनों द्वारा तलाश की गई, नहीं मिलने पर सुपेला थाना में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई गई। शिकायत के आधार पर पुलिस किशोरियों की तलाश कर ही रहे थे कि उन्हें किशोरियों के कृष्णा नगर, सुपेला में होने की सूचना मिली। पुलिस ने दबिश देकर किशोरियों को एक मकान से 21 अक्टूबर की शाम बरामद किया।
पूछताछ में सहेलियों ने बताया कि उन्हें कृष्णा नगर निवासी गोलू उर्फ डेकेश्वर साहू (22 वर्ष) तथा विश्वजीत उर्फ भाऊ बहला फुसला कर साथ ले गए थे। कृष्णा नगर में उनके परिचित मोनू भैया उर्फ अमित श्याम कुंवर की मदद से कृष्णा नगर मकान किराए पर ले कर रहने लगे थे। इस दौरान गोलू व भाऊ ने उनसे शादी करने का वादा कर कई बार शारीरिक संबंध भी बनाए। अमित श्यम कुंवर ने अपनी पत्नी को किशोरियों के दोनों आरोपियों की बहन होने की जानकारी दी थी। इस मामल में पुलिस ने गोलू उर्फ डेकेश्वर तथा भाऊ उर्फ विश्वजीत के खिलाफ अपहरण व अनाचार के तहत मामला पंजीबद्ध किया था। वहीं आरोपियों को संरक्षण देने के आरोप में अमित श्याम कुंवर के खिलाफ दफा 368 के तहत मामला कायम कर प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया था।
प्रकरण पर विचारण विशेष न्यायाधीश मधु तिवारी की अदालत में किया गया। विचारण पश्चात न्यायाधीश ने अवयस्क युवतियों का अपहरण कर उनके साथ अनाचार करने का गोलू तथा भाऊ को दोषी माना, वहीं आरोपियों को संरक्षण प्रदान करने के आरोप में मोनू को दोषी करार दिया। आरोपी डेकेश्वर उर्फ गोलू तथा विश्वजीत उर्फ भाऊ को दफा 363, 366 के तहत 5-5 वर्ष तथा दफा 376(2)(आई) के तहत 10-10 वर्ष के कारावास से दंडित करने का फैसला सुनाया है। वहीं इस अपराध को संरक्षण देने के आरोप में मोनू उर्फ अमित श्याम कुंवर को दफा 368 के तहत 5 वर्ष के कारावास से दंडित किया गया है। आरोपियों पर कुल 3000 रु. का अर्थदंड भी आरोपित किया गया है।

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