प्रतिभाओं को निखारने जल्द गठित होगा खेल प्राधिकरण : ताम्रध्वज साहू

छत्तीसगढ़ के गृह एवं लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा है कि प्रदेश में खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने सरकार ने खेल प्राधिकरण का गठन किए जाने का निर्णय लिया है। इस खेल प्राधिकरण के माध्यम से हमारी कोशिश होगी कि न केवल राष्ट्रीय बल्कि वैश्विक पटल पर खिलाड़ी अपनी प्रतिभा से लोगों को चकित कर दें।

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। गृह एवं लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने यहां आयोजित राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता का सोमवार को उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्राधिकरण के माध्यम से खेल ढांचे को समुन्नत बनाने के लिए ऐसे कार्य किए जाएंगे जिससे सभी खेलों को बढ़ावा मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रतिभाओं को पहचानने एवं उन्हें आगे लाने की दिशा में शालेय राज्य क्रीड़ा प्रतियोगिता की अहम भूमिका होती है। बहुत से बच्चों में खेल की गहरी प्रतिभा छिपी होती है लेकिन उचित मंच नहीं मिल पाने के कारण यह आगे नहीं आ पाती। आज यहां प्रदेश के कोने-कोने से बच्चे अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन के लिए आये हैं। उन्हें शुभकामनाएं देता हूँ। प्रतियोतिा में बच्चें शतप्रतिशत प्रदर्शन करने की कोशिश करें, असफल होने पर निराश न हो, अगले साल फिर बेहतर करने के संकल्प के साथ खेलों में हिस्सा लें।
इस मौके पर सांसद विजय बघेल ने कहा कि खेल हमें बहुत खुशी प्रदान करते हैं। साथ ही हमें सीख भी प्रदान करते हैं कि हमारा एक लक्ष्य भी है जिसे प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयत्न करना है। यह सीख हमारे भविष्य को गढऩे में भी मदद करती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खेलों को बढ़ावा मिले, इसके लिए हम लोग सतत कार्य करेंगे। कार्यक्रम को विधायक अरुण वोरा ने भी संबोधित किया। कलेक्टर अंकित आनंद ने विस्तार से खेल प्रतियोगिता की जानकारी प्रदान की एवं बच्चों को श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए बधाई दी।

जिमनास्टिक का किया उत्कृष्ट प्रदर्शन
प्रतियोगिता में बच्चों ने जिमनास्टिक के हुनर भी दिखाये। अतिथियों ने बच्चों के शारीरिक कौशल की काफी तारीफ की। उल्लेखनीय है कि प्रतियोगिता में आठ प्रकार के खेल शामिल किए गए हैं और लगभग 2940 विद्यार्थी इसमें हिस्सा ले रहे हैं।

डोला रे… जैसे गानों ने मन मोह लिया
इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी की गई। डीपीएस की छात्राओं ने डोला रे जैसे गानों से मन मोह लिया। इसमें उन्होंने देश की विभिन्न संस्कृतियों और परिधानों के साथ ही छत्तीसगढ़ी संस्कृति का प्रदर्शन भी किया।

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