गूंगी-बहरी युवती के साथ जबरिया शारीरिक संबंध स्थापित करने वालें आरोपी को आजन्म कारावास से दंडित किया गया है। यह फैसला शुक्रवार को फास्ट ट्रेक कोर्ट की विशेष न्यायाधीश मधु तिवारी की अदालत में शुक्रवार को सुनाया गया है। प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक सुदर्शन महलवार व अति. विशेष लोक अभियोजक पुष्पारानी पाढ़ी ने पैरवी की थी।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मूक-बधिर युवती से अनाचार की यह घटना वर्ष 2012 में कोतवाली थाना अंतर्गत हुई थी। इस मामले में पुलिस ने शीतला नगर निवासी गेंदलाल देवांगन उर्फ रिंकू उर्फ बाठू के खिलाफ दफा 376 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया था। प्रकरण के अनुसार पीडि़त पैदाइशी गंूगी बहरी है। युवती 31 दिसंबर 2012 की रात अपने माता-पिता को खाना देने के बाद सिगड़ी लीपने के लिए घर से बाहर निकली थी। काफी देर तक वापस नहीं लौटने पर परिजनों ने खोजने का प्रयास किया। इसी दौरान क्षेत्र में घूम रहे गज्जू चंद्राकर व संतोष चंद्राकर को पास के खंडहर में आहट सुनाई दी। मौके पर जाने पर उन्हें खंडहर के अंदर आरोपी रिंकू उर्फ बाठू मुक बधिर युवती के साथ मिला। युवकों ने रिंकू को पकडऩे का प्रयास किया, लेकिन वह भाग निकला। जिसके बाद परिजनों द्वारा पूछताछ किए जाने पर युवती ने इशारे से रिंकू द्वारा उसके साथ जबरिया शारीरिक संबंध बनाए जाने की जानकारी दी। मामले में पुलिस ने अनाचार का अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण को विचारण के लिए न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया था। प्रकरण पर विचारण फास्ट टे्रक कोर्ट में किया गया। विचारण पश्चात विशेष न्यायाधीश मधु तिवारी ने अपराध की गंभीर प्रकृति को देखते आरोपी को दफा 376(2)(ठ) के तहत दोषी करार दिया। आरोपी को ताउम्र जेल में कैद रखे जाने का फैसला न्यायाधीश ने सुनाया है।
3 साल बाद पकड़ाया था आरोपी
अनाचार के इस मामले में पुलिस को आरोपी को गिरफ्त में लेने में 3 साल का समय लग गया. पुलिस ने जुर्म दर्ज करने के बाद आरोपी की पतासाजी प्रारंभ की थी। लगभग 3 साल बाद 9 जुलाई 2015 को आरोपी गेंदलाल देवांगन उर्फ रिंकू उर्फ बाठू पुलिस के हत्थे चढ़ा। आरोपी को जेल दाखिल कर दिया गया, तब से अब तक आरोपी जेल में ही निरुद्ध है।