दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मानसिक रूप से कमजोर युवती से जबरिया शारीरिक संबंध बनाए जाने के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा फैसला सुनाया गया है। मामले के आरोपी को दोषी करार देते हुए कोर्ट ने विभिन्न धाराओं के तहत कुल 15 वर्ष के कारावास व 7 हजार रुपए के अर्थदण्ड से किया है। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश गणेश राम पटेल के कोर्ट में आज सुनाया गया है। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक पूजा मोंगरी ने पैरवी की थी।
मामला अमलेश्वर थाना क्षेत्र का है। थाना क्षेत्र के एक गांव की युवती मानसिक रूप से कमजोर है। युवती पर गांव का ही युवक विनोद गेंड्रे (37 वर्ष) बुरी नजर रखता था। घटना दिनांक 14 जुलाई 2021 को युवती की मां रिश्तेदारी में आयोजित छट्टी कार्यक्रम में शामिल होने गई थी। पीड़ित युवती घर में अकेली थी और खाना खा रही थी। तभी विनोद घर में घुस आया और दरवाजा बंद युवती को रसोई घर में ले जाकर जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए। पीड़ित ने इस बात की जानकारी रोते हुए अपनी दादी को दी। घटना की जानकारी मिलने पर युवती के माता-पिता भी घर वापस आ गए और पुलिस में शिकायत दर्ज करायी। शिकायत पर पुलिस ने युवती के मेडिकल पश्चात विनोद गेंड्रे के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया। विवेचना पश्चात प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया था।
प्रकरण पर विचारण फास्ट ट्रैक कोर्ट में किया गया। विचारण पश्चात अपर सत्र न्यायाधीश गणेश राम पटेल ने आरोपी को दोषी करार दिया। प्रकरण के अभियुक्त विनोद गेंड्रे (37 वर्ष) को घर में बिना अनुमति प्रवेश करने की धारा 450 के तहत 5 वर्ष के कारावास व युवती से उसकी इच्छा के विरुद्ध शारीरिक संबंध बनाने के आरोप में धारा 376(2)(ठ) के तहत 10 वर्ष के कारावास से दंडित किया गया है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। वहीं अर्थदण्ड की राशि अदा नहीं किए जाने पर अभियुक्त को एक-एक वर्ष का कारावास अतिरिक्त भोगना होगा।