नाबालिग को शादी का प्रलोभन देकर दैहिक शोषण, अभियुक्त को अदालत ने सुनाई 10 वर्ष कारावास की सजा

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। नाबालिग किशोरी के साथ शादी का प्रलोभन देकर शारीरिक संबंध बनाने वाले आरोपी युवक के खिलाफ अदालत ने फैसला सुनाया है। अभियुक्त को पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी करार देते हुए 10 वर्ष के कारावास व एक हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है। इस मामले के दो अन्य आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए अदालत ने दोषमुक्त कर दिया है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) सरिता दास की अदालत में आज सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक कमल किशोर वर्मा ने पैरवी की थी।

मामला कुम्हारी थाना क्षेत्र का है। पीडित नाबालिग 3 जुलाई 2017 को घर से लापता थी। पीड़ित की मां उसे ढूंढने निकली तो बया की बाड़ी के पास मौजूद गांव के युवक वहां से भाग निकले। संदेह होने पर मां बया की बाड़ी गई तो नाबालिग आरोपी भोज कुमार बंजारे (28 वर्ष) के साथ मिली। पूछताछ में किशोरी ने बताया कि भोज कुमार ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए है और 3 माह से उसका मासिक धर्म नहीं हो रहा है। इस घटना की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई गई। शिकायत के आधार पर पर पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर उन्हें जेल भेज दिया। विवेचना पश्चात प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया गया था।
प्रकरण पर विचारण पॉक्सो एक्ट के तहत फास्ट ट्रैक कोर्ट में किया गया। विचारण पश्चात विशेष न्यायाधीश ने अभियुक्त भोज कुमार बंजारे (28 वर्ष) को नाबालिग के साथ शारीरिक संबंध बनाने के दोषी पाया। अभियुक्त को पॉक्सो एक्ट के तहत 10 वर्ष के कारावास से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया गया। वहीं इस मामले में सहयोग करने के आरोपी चंदन और शैलेन्द्र उर्फ सोनू बया को संदेह का लाभ देते हुए आरोप मुक्त कर दिया गया।