बिलासपुर (छत्तीसगढ़)। आखिरकार सेव-राहुल अभियान सफल हुआ। सेना के जवानों, एनडीआरएफ और जिला प्रशासन की मेहनत का सार्थक परिणाम सामने आया और राहुल को सुरक्षित बोरवेल से निकाल लिया गया है। बता दें कि राहुल 10 जून को बोरवेल में गिरा था और 104 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद उसे सुरक्षित बाहर निकाला गया है। फिलहाल राहुल को एंबुलेंस से बिलासपुर के अपोलो अस्पताल रेफर कर दिया गया है।
वहीं राहुल के सुरक्षित निकाले जाने पर जांजगीर चांपा के कलेक्टर ने खुशी जाहिर की और बताया कि यह ऑपरेशन बेहद चुनौतीपूर्ण था क्योंकि राहुल को सुरक्षित निकालने के लिए चट्टानों का सीना चीरना पड़ा। कलेक्टर ने इस अभियान की सफलता के लिए भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जिला प्रशासन की टीम को बधाई दी। कलेक्टर ने खुलासा करते हुए बताया कि बोरवेल में राहुल के साथ एक सांप और एक मेंढक भी फंसे हुए थे। उन्होंने ये बात लोगों से छिपाकर रखी थीं।
राहुल के सुरक्षित बाहर निकलने पर सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट किया है। ट्वीट में सीएम बघेल ने लिखा कि “माना कि चुनौती बड़ी थी। हमारी टीम भी कहां शांत खड़ी थी। रास्ते अगर चट्टानी थे तो इरादे हमारे फौलादी थे। सभी की दुआओं और रेस्क्यू टीम के अथक, समर्पित प्रयासों से राहुल साहू को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। वह जल्द से जल्द पूर्ण रूप से स्वस्थ हो, ऐसी हमारी कामना है।”
इस तरह का यह देश का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन बताया जा रहा है। बोरवेल में फंसे होने के चलते बीते 5 दिनों से लगातार सीसीटीवी कैमरों से राहुल पर नजर रखी जा रही थी, लगातार उससे बात की जा रही थी। राहुल को बचाने के लिए रास्ते की चट्टानों को ड्रिलिंग मशीन से ना काटकर हाथों से तोड़ा गया। इसके बाद हाथों से ही मिट्टी को हटाया गया। इस तरह जवान राहुल तक पहुंचे। इसके बाद रस्सी और स्ट्रेचर के सहारे राहुल को खींचकर बाहर निकाला गया। विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम के साथ फिलहाल उसे बिलासपुर के अपोलो अस्पताल भेजा गया है। वहीं अपोलो अस्पताल को अलर्ट पर रखा गया है ताकि राहुल के इलाज में किसी तरह की देरी या लापरवाही ना हो।