मायके जाने की जिद करने पर पति ने कर दी पत्नी की हत्या, अदालत ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

कवर्धा (छत्तीसगढ़)। मायके जाने की जिद करने पर पत्नी की गला घोंटकर हत्या करने के आरोपी को न्यायालय द्वारा उम्रकैद की सजा से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया है। अभियुक्त को हत्या के साथ साक्ष्य छुपाने का भी दोषी करार दिया गया है। यह फैसला जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीता यादव की अदालत में सुनाया गया।

मामला थाना सिंघनपुरी का है। अभियुक्त नरेन्द्र साहू ने मृतिका केकतीबाई से दूसरा विवाह किया गया था। उसे संरोधी के ईटा भट्टा झोपड़ी में रखा था। घटना के 20-30 दिन पूर्व अभियुक्त द्वारा मृतिका को मायके जाने के नाम पर पैर को टंगिया से काट देने की धमकी दी गई थी तथा मायके नहीं जाने दिया गया था। घटना दिनांक को रात में विवाद होने पर अभियुक्त द्वारा मृतिका का गला घोटकर हत्या कर दी गई थी तथा शव को झोपड़ी के पास जमीन में गड़ाकर साक्ष्य का विलोपन किया गया था। साक्ष्य के आधार पर परिस्थिजन्य साक्ष्य की श्रृखंला पूर्ण पाये जाने पर अभियुक्त को दोषी पाया गया। परिस्थिजन्य साक्ष्य के श्रृखंला में घटना दिनांक को अभियुक्त और मृतिका के मध्य लड़ाई झगड़ा होना, झगड़े के तुरन्त बाद अभियुक्त द्वारा मृतिका का गला स्कार्फ से घोटना, दूसरे दिन स्वतः थाने पहुचकर घटना की स्वेच्छिक सूचना देना, घटना स्थल की पहचान करना, अभियुक्त के बताए स्थल से मृतिका का शव प्राप्त होना तथा अभियुक्त द्वारा घटना दिनांक के 20-30 दिन पूर्व मृतिका को मायके जाने पर टंगिया से काट देने की धमकी देना और मायके न जाने देना शामिल थे।
अदालत ने नरेंद्र साहू को हत्या करने और साक्ष्य छुपाने के अपराध में दोषी पाते हुए भारतीय दण्ड संहिता की धारा 302 में उम्रकैद एवं 1000 रूपए के अर्थदण्ड तथा धारा 201 भारतीय दण्ड संहिता के अपराध के लिए 5 वर्ष सश्रम कारावास और 1000 रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।